किताब-अल-जबर-वल-मुक़ाबला

किताब-अल-जबर-वल-मुक़ाबला (अरबी: [الكتاب المختصر في حساب الجبر والمقابلة] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help)‎, Al-kitāb al-mukhtaṣar fī ḥisāb al-ğabr wa’l-muqābala;[1] लातिन: Liber Algebræ et Almucabola) एक गणित ग्रन्थ है जिसकी रचना फारस के गणितज्ञ मुहम्मद इब्न मूसा अल-ख़्वारिज़्मी ने ८२० ई के आसपास किया था जब वह बगदाद में थे। तब बगदाद, अब्बासी ख़िलाफ़त की राजधानी था। इस ग्रन्थ के नाम का अर्थ है, 'पूर्ण करने तथा संतुलित करने के गणना का सार ग्रन्थ'। ११४५ में चेस्तर के रॉबर्ट ने इसका लैटिन में अनुवाद किया। यह पुस्तक यूरोपीय विश्वविद्यालयों में १६वीं शताब्दी तक गणित की मुख्य पाठ्यपुस्तक के रूप में प्रयुक्त होती रही। [2][3][4][5] इस ग्रन्थ के कारण ही यूरोपीय भाषाओं में 'अल्जेब्रा' (algebra) शब्द आया जो (الجبر, al-jabr) से निकला है। इस ग्रन्थ में दो घात तक धनात्मक मूल वाले बहुपद समीकरण हल करने के बहुत से प्रश्नों की चर्चा है। [6]

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'किताब-अल-जबर-वल-मुक़ाबला' का एक पृष्ठ
मूल शीर्षकالكتاب المختصر في حساب الجبر والمقابلة
  1. The Arabic title is sometimes condensed to Hisab al-jabr w’al-muqabala or Kitab al-Jabr wa-l-Muqabala or given under other transliterations.
  2. Philip Khuri Hitti (2002). History of the Arabs. पृ॰ 379. मूल से 29 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2018.
  3. Fred James Hill, Nicholas Awde (2003). A History of the Islamic World. पृ॰ 55. मूल से 29 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 अक्तूबर 2018. "The Compendious Book on Calculation by Completion and Balancing" (Hisab al-Jabr wa H-Muqabala) on the development of the subject cannot be underestimated. Translated into Latin during the twelfth century, it remained the principal mathematics textbook in European universities until the sixteenth century
  4. Shawn Overbay, Jimmy Schorer, and Heather Conger, University of Kentucky. "Al-Khwarizmi". मूल से 12 दिसंबर 2013 को पुरालेखित.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  5. "Islam Spain and the history of technology". www.sjsu.edu. मूल से 11 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-01-24.
  6. Boyer, Carl B. (1991). "The Arabic Hegemony". A History of Mathematics (Second संस्करण). John Wiley & Sons, Inc. पृ॰ 228. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-471-54397-7.
    "The Arabs in general loved a good clear argument from premise to conclusion, as well as systematic organization – respects in which neither Diophantus nor the Hindus excelled."

इन्हें भी देखें

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