कित्तूर दुर्ग
कित्तूर दुर्ग (कन्नड : कित्तूरु कोटॆ) भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक दुर्ग है। यह एक छोटी रियासत की पूर्व राजधानी होने के साथ-साथ एक प्रमुख पुरातात्विक स्थल भी है। [1]
इतिहास
संपादित करेंइस किले का निर्माण 1650 और 1681 के बीच देसाई राजवंश के शासक अल्लाप्पा गौड़ा सरदेसाई ने करवाया था [2] इस पर कर्नाटक की महिला योद्धा रानी चेनम्मा का अधिकार था, जिन्होंने 1824 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था। मल्लसर्जा देसाई के शासनकाल में कित्तूर अपने चरम पर पहुंच गया। इस स्थान पर पुलिस लाइन क्षेत्र में एक नाथपंथी मठ है, और मारुति (दुर्ग में), कलमेश्वर, दयमव्वा और बसवन्ना के मंदिर हैं, जिन्हें बाद में चालुक्य स्मारक कहा जाता था, अब पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया गया है।
स्थिति
संपादित करेंकित्तूर वर्तमान में नाथपंथी मठ स्थल की सीमा से दूर खंडहर में बदल चुका है। इसके मारुति, कलमेश्वर, दयमव्वा, बसवन्ना और चालुक्य स्मारक क्षेत्रों को पूरी तरह से पुनर्निर्मित किया जा रहा है।
पुरातत्व संग्रहालय
संपादित करेंइस स्थान पर पुरातत्व संग्रहालय (कित्तूर रानी चेन्नम्मा स्मारक सरकारी संग्रहालय), का प्रबंधन राज्य पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, कर्नाटक सरकार द्वारा किया जाता है। यह संग्रहालय 10 जनवरी 1967 को तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उद्घाटित हुआ था। [3] इसमें कित्तूर और उसके आसपास पाए जाने वाले पुरावशेषों का एक समृद्ध संग्रह है, जिसमें कुछ हथियार, तलवारें, मेल-कोट, ढाल, कित्तूर महल के उत्कीर्ण (नक्काशी युक्त) लकड़ी के दरवाजे और खिड़कियां, शिलालेख, सूर्य, विष्णु (दोनों काद्रोली से प्राप्त), देवाराशिगेहल्ली से प्राप्त विष्णु और सूर्य, मानोली से प्राप्त सुब्रह्मण्य, हिरेबगेवाड़ी से प्राप्त दुर्गा और कई अन्य पुरावशेष, साथ ही कुछ आधुनिक पेंटिंग रखी हैं।
चित्रावली
संपादित करेंसंग्रहालय में प्रदर्शित कुछ वस्तुएँ नीचे दी गयीं है-
संदर्भ
संपादित करें- ↑ "Kittur Fort to become tourist spot". The Hindu. 25 October 2017.
- ↑ Swatee, Jog (2 June 2018). "For a trip back in time..." Deccan Herald.
- ↑ "Contributions by Balaji J".