कीरतपुर साहिब
कीरतपुर साहिब (Kiratpur Sahib) भारत के पंजाब राज्य के रूपनगर ज़िले में स्थित एक गाँव है। यह एक महत्वपूर्ण सिख धार्मिक स्थल है।[1][2][3][4]
कीरतपुर साहिब Kiratpur Sahib ਕੀਰਤਪੁਰ ਸਾਹਿਬ | |
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गुरद्वारा चरण कमल साहिब | |
निर्देशांक: 31°10′56″N 76°33′50″E / 31.1821°N 76.564°Eनिर्देशांक: 31°10′56″N 76°33′50″E / 31.1821°N 76.564°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | पंजाब |
ज़िला | रूपनगर ज़िला |
स्थापना | 1627 |
संस्थापक | श्री गुरु हरगोबिन्द जी |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,348 |
भाषा | |
• प्रचलित | पंजाबी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
इतिहास
संपादित करेंकीरतपुर साहिब की स्थापना छठे सिख गुरु, श्री गुरु हरगोबिन्द जी ने करी थी। यहीं पर सातवे और आठवे गुरु बड़े हुए। यहीं पर गुरु गोबिंद सिंह और उनके शिष्यों ने नौवे गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी का शीष आदरपूर्वक लिया था, जो सन् 1675 में दिल्ली से भाई जैता द्वारा लाया गया था। इस स्थान पर आज गुरद्वारा बबनगढ़ साहिब खड़ा है। यहाँ से फिर गुरु गोबिंद सिंह अपने पिताजी के शीष को अंतिम संस्कार के लिए आनन्दपुर साहिब ले गए थे। यहाँ पर पंजाब सरकार ने एक स्तम्भ स्थापित करा है, जिसपर गुरु तेग बहादुर की वीरगति को प्राप्त होने के बारे में गुरु गोबिंद सिंह द्वारा कहा वाक्य लिखा है:
- ਤਿਲਕ ਜੰਞੂ ਰਾਖਾ ਪ੍ਰਭ ਤਾਕਾ॥ ਕੀਨੋ ਬਡੋ ਕਲੂ ਮਹਿ ਸਾਕਾ॥
- तिलक जणू राखा प्रभ ताका । कीनो बडो कलू मह साका ॥"
- प्रभू (गुरु तेग बहादुर जी) ने तिलक और जनेऊ की रक्षा करी । कलयुग में एक बड़ा (महान) कार्य करा ॥
यह जगह एक मुस्लिम संत, पीर बुड्डन शाह, से भी सम्बन्धित है, जिनके बारे में मान्यता है कि वे 800 वर्षों तक जीवित रहे थे। गुरद्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग 205 और राष्ट्रीय राजमार्ग 503 के जंक्शन पर आनन्दपुर साहिब से 10 किमी दक्षिण में और रूपनगर (रोपड़) से 30 किमी उत्तर, सतलुज नदी के किनारे खड़ा है। कई गुरुओं से अपने समबन्ध के कारण नगर और यहाँ के गुरद्वारे सिख धर्म में पवित्र हैं। कई गुरुओं की अस्थियों का विसर्जन भी यहीं सतलुज नदी में हुआ था और आज भी कई सिख अपने सगे-समबन्धियों की अस्थियाँ यहीं गुरद्वारा पतालपुरी साहिब के समीप सतलुज में विसर्जित करने आते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Economic Transformation of a Developing Economy: The Experience of Punjab, India," Edited by Lakhwinder Singh and Nirvikar Singh, Springer, 2016, ISBN 9789811001970
- ↑ "Regional Development and Planning in India," Vishwambhar Nath, Concept Publishing Company, 2009, ISBN 9788180693779
- ↑ "Agricultural Growth and Structural Changes in the Punjab Economy: An Input-output Analysis," G. S. Bhalla, Centre for the Study of Regional Development, Jawaharlal Nehru University, 1990, ISBN 9780896290853
- ↑ "Punjab Travel Guide," Swati Mitra (Editor), Eicher Goodearth Pvt Ltd, 2011, ISBN 9789380262178