कुआनो नदी
कुआनो नदी भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में बहने वाली एक छोटी नदी है। यह सरयू (घाघरा) की सहायिका है। यह नदी तराई इलाके में बहराइच ज़िले के बसऊपुर गाँव के पास से एक सोते के रूप में निकलती है।[1] नदी अपने मार्ग में बस्ती, संत कबीर नग़र और गोरखपुर जिले से होकर बहती है।
इस नदी पर मुखलिशपुर में एक बांध है। इस नदी का पानी स्वच्छ है और इसके तट जैवविधता के लिए जाने जाते हैं। नदी के मार्ग में अनेक सोते इसमें बुलबुलों के रूप में इसे जल प्रदान करते हैं। वर्षा काल में नदी बाढ़ के लिए भी जानी जाती है।
साहित्य में
संपादित करेंनदी के नाम पर सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता "कुआनो नदी" लिखी गयी है। कविता नदी के प्रवाह और विशेषताओं का मार्मिक वर्णन प्रस्तुत करती है।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बलरामपुर: अनेक रहस्यों को अपने अंदर समेटे हुए है कुआनो नदी". News18 हिंदी. 19 जनवरी 2018. अभिगमन तिथि 23 अक्टूबर 2022.
बाहरी कड़ी
संपादित करें- कुआनो नदी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता।
यह उत्तर प्रदेश के किसी स्थान के बारे में लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें। |