कुकरौंधा (वानस्पतिक नाम : BLUMEA LACERA) एक वनस्पति है। यह भारत में बहुतायत में पायी जाती है। भारत में कपूर इसी से बनाया जाता है।

विभिन्न भाषाओं में नाम
  • हिन्दी : कुकुरौन्हा, कुकरौंधा, कुकुरमुत्ता (छत्तीसगढ़ में)

इसमें पीले फूल खिलते हैं. फूलों के बाद बीज रूई के रेशों के आकर में हवा में उड़ते हैं. मदार के बीज के रेशे बड़े होते हैं. इसके रेशे छोटे होते हैं. दोनों के बीजों का बिखराव हवा के द्वारा रेशों के सहायता से उड़ने से होता है. यह पौधा बरसात में उगकर मार्च अप्रैल तक रहता है. गर्मी आने पर सूख जाता है और इसके बीज बिखर जाते हैं. यह बावासीर के लिए बड़ी दवा है. इसके पौधे को कुचलकर रस निकाल कर उसमें रसौत भिगो दें. रसौत के घुल जाने पर इसे धीमी आंच पर पकाएं और गोलियां बनाकर रख लें. ये गोलियां बवासीर में लाभकारी हैं. बर्ड फ्लू में भी कुकरौंदा लाभकारी है. इसके पत्ते पीसकर गोलियां बनाकर खिलाने से पक्षी ठीक हो जाते हैं. घावों पर इसकी पत्तियों का रस लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं. ये एंटीसेप्टिक का कार्य करता है. उत्तर प्रदेश में यह बहुतायत पाया जाता है

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