कुकुरमुत्ता (कवक)

एक प्रकार का कवक।
(कुकुरमुत्तों से अनुप्रेषित)

कुकुरमुत्ता कवक से बना एक मांसल, बीजाणु-युक्त फलने वाला पिण्ड है जो प्रायः जमीन के ऊपर पैदा होता है और भोजन का अच्छा स्रोत है। ये अनेकों आकार-प्रकार के होते हैं। इन्हें हिन्दी में 'छत्रक', 'खुम्ब' या 'खुम्भी' 'सुक्कर' 'भुुुछत्र' 'भुछत्री' भी कहते हैं। इसे छत्तीसगढ मे फुटु और पिहिरी कहते है।

कुकुरमुत्ता (कवक)

उपयोग और लाभ संपादित करें

मशरूम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। वैसे तो मशरूम की सब्जी हर कोई खाना पसंद करता है लेकिन शायद ही कोई इसके फायदे जानता हो। एंटी-ऑक्सीडेंट्स, प्रोटीन, विटामिन डी, सेलेनियम और जिंक से भरपूर मशरूम का इस्तेमाल कई दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है।

इसमें मौजूद पौषक तत्व आपके शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बचा कर रखते है। इसके अलावा इसका सेवन इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। आइए जानते है कई गुणों से भरपूर मशरूम का सेवन करने से आप किन बीमारियों से बच सकते है।

कैंसर का खतरा

इसमें बीटा ग्लाइसीन और लिनॉलिक एसिड होता है, जो आपको प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है।

वजन कम करना

मशरूम का सेवन करने से वजन जल्द से जल्द कम करने में मदद मिलती है। आप इसे उबाल कर ब्रेकफास्ट में शामिल कर सकते है।

शुगर लेवल

मशरूम में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम होने के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मददगार होते है। डायबिटीज मरीजों के लिए यह सबसे अच्छा फूड है।

इम्युनिटी पावर

सेलिनियम से भकपूर मशरूम इम्यून पॉवर को बढ़ाने के साथ-साथ सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं को शरीर से दूर रखते है।

दिल के रोग

इसमें पाएं जाने वाले न्यूट्रिएंट्स और एंजाइम दिल के रोगों का खतरा कम करते है। इसलिए हफ्ते में कम से कम 3 बार इसका सेवन जरूर करें।

पेट की समस्याएं

कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा से भरपूर मशरूम का सेवन अपच, पेच दर्द, कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या को भी दूर करता है।

ओएस्टर और फ्लोरिडा मशरूम खाने से बोहोत सी प्रकार की बीमारियां ठीक की जा सकती है।

अनुकूल तापमान संपादित करें

मशरूम की विभिन्न प्रजातियों को उगाने हेतु तापमान आवश्यकता निम्नलिखित है।

कुछ प्रमुख खाद्य मशरूम के लिय अनुकूल तापमान
क्रमांक मशरूम के वैज्ञानिक नाम प्रचलित नाम अनुकूलतम तापमान, बीज फैलाव हेतु (सेल्सियस) अनुकूलतम तापमान, फलन हेतु (सेल्सियस)
1 एगेरिकस बाइसपोरस श्वेत बटन मशरूम 22-25 14-18
2 एगेरिकस बाइटॉरकिस ग्रीष्मकालीन श्वेत बटन मशरूम 28-30 25
3 ऑरिकुलेरिया प्रजाति ब्लैक इयर मशरूम 20-34 12-30
4 लेन्टीनुला इडोड्स शिटाके मशरूम 22-27 15-20
5 प्लूरोटस इरिन्जाई काबुल ढींगरी 18-22 14-18
6 प्लूरोटस फ्लेविलेटस ढींगरी मशरूम 25-30 22-26
7 प्लूरोटस फ्लोरिडा ढींगरी मशरूम 25-30 18-22
8 प्लूरोटस सजोर-काजू ढींगरी मशरूम 25-32 22-26
9 वॉल्वेरियेला वॉल्वेसिया पराली मशरूम 32-34 28-32
10 कैलोसाईबी इंडिका दूधिया मशरूम 25-30 30-35

उपर्युक्त सारणी में दिये गये विभिन्न प्रकार की मशरूम प्रजातियों की वानस्पतिक वृद्धि (बीज फैलाव) व फलनकाय (फलन) अवस्था के लिये अनुकूल तापमानों को देखने से यह स्पश्ट हो जाता है कि मशरूम को कृषि फसलों की भांति फेरबदल कर चक्रों में उगाया जा सकता है। जैसे मैदानी भागों व कम उँचाई पर स्थित पहाड़ी भागों में शरद ऋतु में श्वेत बटन मशरूम, ग्रीश्म ऋतु में ग्रीष्मकालीन श्वेत बटन मशरूम व ढींगरी तथा वर्शा ऋतु में पराली मशरूम व दूधिया मशरूम।

भारत के मैदानी भागों में श्वेत बटन मशरूम को शरद ऋतु में नवम्बर से फरवरी तक, ग्रीष्मकालीन श्वेत बटन मशरूम को सितम्बर से नवम्बर व फरवरी से अप्रैल तक, काले कनचपडे़ मशरूम को फरवरी से अप्रैल तक, ढींगरी मशरूम को सितम्बर से मई तक, पराली मशरूम को जुलाई से सितम्बर तक तथा दूधिया मशरूम को फरवरी से अप्रैल व से सितम्बर तक उगाया जा सकता है।

मध्यम उंचाई पर स्थित पहाड़ी स्थानों में श्वेत बटन मशरूम को सितम्बर से मार्च तक, ग्रीष्मकालीन श्वेत बटन मशरूम को जुलाई से अगस्त तक व मार्च से मई तक, षिटाके मशरूम को अक्टूबर से फरवरी तक, ढिंगरी मशरूम को पूरे वर्ष भर, काले कनचपड़े मशरूम को मार्च से मई तक तथा दूधिया मशरूम को अप्रैल से जून तक उगाया जा सकता है।

अधिक उंचाई पर स्थित पहाड़ी क्षेत्रों में श्वेत बटन मशरूम को मार्च से नवम्बर तक, ढिंगरी मशरूम को मई से अगस्त तक तथा षिटाके मशरूम को दिसम्बर से अप्रैल तक उगाया जा सकता है।

खुम्बी के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न संपादित करें

 
Agaricus bisporus : विश्व में सर्वाधिक उत्पादित एवं सर्वाधिक लोकप्रिय मशरूम
  • क्या मशरूम मैदानी क्षेत्रों में उगाई जा सकती है?
जी हां, मशरूम कहीं भी पैदा की जा सकती है बशर्ते वहां का तापमान तथा आर्द्रता जरूरत के अनुसार हो।
  • मशरूम के लिए कौन सी जलवायु उपयुक्त है?
मशरूम एक इंडोर फसल है। फसल के फलनकाय के समय तापमान 14-18° सेल्सियस व आर्द्रता 85 प्रतिशत रखी जाती है।
  • मशरूम की खेती के लिए कौन से पोषाधार की आवश्यकता होती है?
गेहूँ/पुआल की तूड़ी/मुर्गी की बीठ/गेहूँ की चैकर, यूरिया तथा जिप्सम का मिश्रण तैयार करके तैयार खाद पर मशरूम उगाई जाती है। खुम्ब का बीज (स्पॅन) गेहूँ के दानों से तैयार किया जाता है।
  • मशरूम की खेती के लिए कौन सी सामान्य आवश्यकता पड़ती है?
मशरूम एक इंडोर फसल होने के कारण इसके लिए नियंत्रित तापमान और आर्द्रता की आवश्यता पड़ती है। (तापमान 14-18° सेल्सियस व आर्द्रता 85 प्रतिशत रखी जाती है।)
  • क्या मशरूम शाकाहारी अथवा मांसाहारी?
मशरूम शाकाहारी है।
  • मशरूम खाने के क्या-क्या लाभ हैं?
मशरूम पौष्टिक होते हैं, प्रोटीन से भरपूर होते हैं, रेशा व फोलिक एसिड सामग्री होती है जो आमतौर पर सब्जियों व अमीनो एसिड में नहीं होती व मनुष्य के खाने योग्य अन्न में अनुपस्थित रहती है।
  • मशरूम की बाजार क्षमता क्या है?
मशरूम अब काफी लोकप्रिय हो गए हैं व अब इसकी बाजार संभावनाएं बढ़ गई है। श्वेत बटन खुम्ब ताजे व डिब्बाबंद अथवा इसके सूप और आचार इत्यादि उत्पाद तैयार कर बेचे जा सकते हैं। ढींगरी मशरूम सूखाकर भी बेचे जा सकते हैं।
  • मैं मशरूम में मक्खियों से कैसे छुटकारा पा सकता हूँ?
आप स्क्रीनिंग जाल दरवाजे और कृत्रिम सांस के साथ नायलोन अथवा लोहे की जाली (35 से 40 आकार की जाली), पीले रंग का प्रकाश व मिलाथीन अथवा दीवारों पर साईपरमेथरीन की स्प्रे से मक्खियों छुटकारा पा सकते हैं।
  • मैं मशरूम उगाने के लिए कहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता हूँ?
आप खुम्ब उत्पादन तकनीकी प्रशिक्षण खुम्ब अनुसंधान निदेशालय, चम्बाघाट, सोलन (हिमाचल प्रदेश) - 173213 अथवा देश के विभिन्न राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों से प्राप्त कर सकते हैं।
  • मशरूम के कौन-कौन से उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं?
आप मशरूम से आचार, सूप पाउडर, केंडी, बिस्कुट, बड़िया, मुरब्बा इत्यादि उत्पाद तैयार कर सकते हैं।
  • क्या सरकार मशरूम उत्पादन इकाई लगाने के लिए वित्तीय सहायता/सब्सिडी प्रदान करती है?
नबार्ड, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और बैंक मशरूम उत्पादन इकाई, स्पाॅन उत्पादन इकाई और खाद बनाने की इकाई लगाने के लिए ऋण प्रदान करते हैं।
  • खाने की मशरूम कितने प्रकार की होती है?
श्वेत बटन खुम्ब, ढींगरी खुम्ब, काला चनपड़ा मशरूम, स्ट्रोफेरिया खुम्ब, दुधिया मशरूम, शिटाके इत्यादि कुछ खाने की मशरूमें हैं जो कि कृत्रिम रूप से उगाई जा सकती है। खाने वाली गुच्छी मशरूम हिमाचल प्रदेश, जम्मू व कश्मीर तथा उत्तराखंड के ऊँचें पहाड़ों से एकत्रित की जाती है।
  • क्या मशरूम में बीमारियां लगती हैं?
जी हां, मशरूम में विभिन्न प्रकार की बीमारियां लगती है। मशरूम की कुछ मुख्य बीमारियां गीला बुलबुला, शुश्क बुलबुला, कोब बेब व मोल्ड (हरा, पीला, भूरा) है।[1]

विभिन्न प्रकार के खुम्बियों की छबियाँ संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "खुम्ब अनुसन्धान निदेशालय". मूल से 6 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 अगस्त 2015.

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

 
सूखी हुयी खुंबियां