कुबेर दास जिन्हें संत कुबेरा[1] भी बोला जाता है' गुजरात के एक संत थे जिन्होने कुबेरपंथ की स्थापना की। उनका जन्म गुजरात में आणंद जिला के सारसा गांव मे एक तलपडा कोली परिवार में हुआ था। १८७८ मे उनके अनुयायियों की संख्या २०००० थी और मे सबसे ज्यादा लुहार जाती के अनुयाई थे। संत कुबेर के लगभग सभी भक्त उन्हें अपना इष्ठ देव मानते थे।[2] सभी भक्त अपने आप को कुबेरपंथी अर्थार्थ कुबेरवंशी (कुबेरभक्त) बुलाते थे कुबेर के भक्त अपने आप को कुबेर का वंशज मानते थे।[3]

संदर्भ संपादित करें

  1. Campbell, James M. (1885). Notes on the spirit basis of belief and custom. (Rough draft) (अंग्रेज़ी में). Government Central Press.
  2. Campbell, James M. (1988). Hindu Castes and Tribes of Gujarat (अंग्रेज़ी में). Vintage Books. मूल से 5 दिसंबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2020.
  3. Monier-Williams, Sir Monier (1887). Brāhmanism and Hindūism: Or, Religious Thought and Life in India, as Based on the Veda and Other Sacred Books of the Hindūs (अंग्रेज़ी में). J. Murray.