कुलदीप सिंह सेंगर, भारत के उत्तर प्रदेश की चौधवीं विधान सभा में उन्नाव(सदर) से विधायक रहे, पंद्रावी विधान सभा में बांगरमऊ से विधायक रहे, सोलहवीं विधानसभा सभा में भगवंतनगर से विधायक रहे और वर्तमान में सत्तरवी विधान सभा में बांगरमऊ से विधायक हैं।(2002) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सिंह ने पहली बार बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा और चुनाव जीत कर ये सीट बसपा के खाते में दी इसके पहले कभी बसपा ये उन्नाव सदर नहीं जीती थी। फिर किन्ही कारणवश पार्टी ने उन्हें निकाल दिया , सिंह ने हार नहीं मानी और (2007) समाजवादी पार्टी के टिकेट पर बांगरमऊ से चुनाव लड़ा और बहुजन समाज पार्टी के उस समय के कैबिनेट मंत्री राम संकर पाल को चुनाव हराकर विधायक का चुनाव जीता और इसके बाद (2012) उत्तर प्रदेश की भगवन्‍तनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीता इस बार समाजवादी पार्टी की सरकार बनी और कुलदीप सिंह की लोकप्रियता बढ़ना शुरू हो गयी, (2016) में सिंह ने अपनी पत्नी को ज़िलापंचायत सदस्य बनवाया और ज़िला पंचायत अध्यक्ष,उन्नाव का चुनाव लड़ने की ठानी मगर समाजवादी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया , कुलदीप सिंह ने हार ना मानते हुए निर्दलीय ज़िला पंचायत अध्यक्ष का पर्चा अपनी पत्नी को भरवाया और चुनाव लड़ा और जीत गए ।(2017) में उनका टिकट समाजवादी पार्टी ने काट दिया जिसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और बांगरमऊ से चुनाव जीता इसके पहले कभी भाजपा बांगरमऊ विधानसभा नहीं जीती।

Kuldeep Singh Sengar
जन्म 20 मार्च 1966 (1966-03-20) (आयु 58)[1]
स्थिति convicted
व्यवसाय Politician
निवास Village Sarai Thok Makhi, Post Makhi, Dist Unnao, Uttar Pradesh, India

उनपर बलात्कार के आरोप लगे हैं। आरोप लगाने वाली पीड़िता उन्ही के गाँव की है और केस दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट में चल रहा और सी•बी•आइ इसकी जाँच कर रही है । पीड़िता के पिता पे 28 मुक्कादमे चल रहे थे पीड़िता के चाचा को कुलदीप सिंह के भाई अतुल पर जान से मारने के प्रयास जो सन 2000 के प्रधानी के चुनाव में माखी गाँव में हुआ था उस मुक्कादमे में सज़ा 10 साल की सज़ा काट रहा है और उसपे 18 अन्य मुक्कादमे भी हैं। 13 अप्रैल 2018 को कुलदीप सिंह जेल चले गए थे और 28 अगस्त 2019 को पीड़िता जब अपने चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी तभी उसकी गाड़ी एक ट्रक जिसकी नंबर पलेट पे कालिक पुती हुई थी ने टक्कर मारदी और उसमें पीड़िता और उसके वक़ील की गंभीर हालत है और उसकी चाची और मौसी की मौत होगायी है ।। जिसका संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने सारे केस दिल्ली की 30 हज़ारी कोर्ट में ट्रांसफ़र करदिए और जल्द से जल्द फ़ैसला सुनाने का आदेश दिया। इसी क्रम में सी.बी.आई. ने विधायक सेंगर को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत आरोप पत्र में दोषमुक्त घोषित किया है ।

सन्दर्भ संपादित करें

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