कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या
क्वांटम यांत्रिकी में कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या कण के कुल कोणीय संवेग का प्राचल होता है जो इसके कक्षीय कोणीय संवेग और नैज कोणीय संवेग (जिसे प्रचक्रण कहते हैं) के संयोजन से प्राप्त होता है।
यदि s कण का प्रचक्रण कोणीय संवेग और ℓ इसका कक्षीय कोणीय संवेग सदिश है तो कुल कोणीय संवेग j निम्न होगा
इससे सम्बध क्वांटम संख्या मुख्य कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या j है। इसके मान निम्न परास में हो सकते हैं जहाँ वो पूर्णांक स्तरों में ही जा सकते हैं:
जहाँ ℓ दिगंशी क्वांटम संख्या (कक्षीय कोणीय संवेग प्राचल) है और s प्रचक्रण क्वांटम संख्या (प्रचक्रण प्राचल) है।
कुल कोणीय संवेग सदिश j और कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या j के मध्य संबंध निम्न सामान्य संबंध द्वारा दिया जाता है (कोणीय संवेग क्वांटम संख्या देखें)
सदिश का z-घटक निम्न प्रकार दिया जाता है
जहाँ mj, द्वितीयक कुल कोणीय संवेग क्वांटम संख्या है। इसकी परास −j से +j तक एक के अन्तर से सभी मान होते हैं। इस प्रकार यह 2j + 1 भिन्न मान जनित करता है जिन्हें mj से निरूपित करते हैं।
ये भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- Griffiths, David J. (2004). Introduction to Quantum Mechanics (2nd ed.) (अंग्रेज़ी में). Prentice Hall. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-13-805326-X. मूल से 11 जून 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अक्तूबर 2019.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- Vector model of angular momentum (अंग्रेज़ी में)
- LS and jj coupling (अंग्रेज़ी में)