कुशनाभ अयोध्यापति कुश की रानी वैदर्भी के गर्भ से जन्मे चार पुत्रों में से कनिष्ठ पुत्र जिन्होंने 'महोदय' नामक नगर बसाया। इनकी पत्नी धृताची के सौ कन्याएँ और एक पुत्र गाधि हुए। वायु ने इनकी सौ कन्याओं से विवाह का प्रस्ताव किया तो उन्होंने इनकार कर दिया जिसपर वायु ने उन सबको कुबड़ी हो जाने का शाप दे दिया। इसी से महोदय नगर का नाम कान्यकुब्ज पड़ गया।