कुशावर्त महाराष्ट्र राज्य में त्र्यंबकेश्वर में गोदावरी नदी पर स्थित एक पवित्र जलकुंड याने छोटासा तालाब हैं। इस कुंड में श्रद्धालु स्नान करतें हैं। लोगोंकी धारणा हैं की इस कुंड में नहाने से मनुष्य के पाप धूल जाते हैं।

एक पौराणिक कथा के अनुसार, 'श्री महर्षि गौतम' द्वारा अनजाने में एक गाय का वध हो जाता है, उस पाप से छुटकारा पाने के लिए वह भगवान शिव (शंकर) की घोर तपस्या करता है। आखिरकार, भगवान शिव उनसे प्रसन्न हो जाते हैं और गोदावरी नदी से 'श्री महर्षि गौतम' की शुद्धि के लिए आने का अनुरोध करते हैं। इसके लिए भगवान 'शिव' ब्रह्मगिरि पर्वतकी एक चट्टान पर अपने बालोंसे आघात करते हैं और वहां गोदावरी नदी प्रकट होती है। आगे, 'महर्षि गौतम' 'गंगाद्वार' से बहने वाली गोदावरी नदी को अवरुद्ध करने के लिए 'कुशावर्त' तालाब (कुंड) का निर्माण करते हैं। झील के पास संत श्री ज्ञानेश्वर के बड़े भाई 'संत श्री [निवृतिनाथ]]' की समाधि है।