कूटू
कूटू एक प्रकार का पौधा है जिसकी बहुत सी नस्लें हैं, जिनमें से ज़्यादातर जंगली हैं। इसके बीज को पीसकर एक आटा बनाया जाता है जिसके भारतीय और अन्य क्षेत्रों के खानों में कई इस्तेमाल हैं। मिसाल के तौर पर अवधी खाने में कूटू परांठा बनाया जाता है। हालाँकि ज़्यादातर आटे अनाजों के बनते हैं और अनाज अधिकतर घास के परिवार के ही पौधे होते हैं, कूटू ना तो असली अनाज है और ना ही वनस्पति परिवार में घास परिवार का सदस्य है।[1]
कूटू Buckwheat | |
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वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पी पादप (Angiosperms) |
अश्रेणीत: | युडिकॉट (Eudicots) |
गण: | कैरियोफ़िलालीस (Caryophyllales) |
कुल: | पोलिगोनेसिए (Polygonaceae) |
वंश: | फ़ैगोपाएरम (Fagopyrum) |
जाति: | F. esculentum |
द्विपद नाम | |
फ़ैगोपाएरम एस्क्युलेंटम (Fagopyrum esculentum) मोएन्क |
हिन्दू धर्म में महत्व
संपादित करेंउत्तर भारत में नवरात्रि में हिन्दू अनुयायी अक्सर कूटू के आटे की बनी चीज़ें खाते हैं, जैसे की कूटू की पूरी और कूटू के पकौड़े। पंजाब में कूटू को 'ओखला' बोला जाता है और इसके आटे का काफ़ी इस्तेमाल किया जाता है।
अन्य नाम
संपादित करेंकूटू को अंग्रेज़ी में बकव्हीट (buckwheat) बोलते हैं। पंजाबी में इसे 'ओखला' बोलते हैं।
इन्हें भी देखिये
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Agriculture Canada. (1978). Growing buckwheat. Ottawa Canada: Canadian Department of Agriculture.