कृष्णकांत हांदिकी
विद्वान, इंडोलॉजिस्ट और परोपकारी
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कृष्णकांत हांदिकी असमिया भाषा के विख्यात साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक समालोचना कृष्णकांत हांदिकी रचना संभार के लिये उन्हें सन् 1985 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित(मरणोपरांत) किया गया।[1]
कृष्णकांत हांदिकी | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | असमिया भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | समालोचना |
उल्लेखनीय कामs | कृष्णकांत हांदिकी रचना संभार |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.
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