कृष्ण तृतीय
(कृष्णराज तृतीय से अनुप्रेषित)
कृष्ण तृतीय ( 939 – 967 ई), मान्यखेत के [[राष्ट्रकूट राजवंश]] का अन्तिम महान एवं योग्य शासक था। इसने अपने राज्यारोहण के समय 'अकालवर्ष ' की उपाधि धारण की एवं कांची और तंजौर को जीतने के बाद 'कांचीयुम तंजेयमकोंड' (कांची तंजौर का विजेता ) की उपाधि भी ग्रहण की थी ।
इसके दरबार में कन्नड भाषा के के कवि पंप, पोन्न व रन्न को संरक्षण प्राप्त था । जो 'कन्नड भाषा के त्रि-रत्न' कहलाते हैं ।
1.पंप- पंप रामायण,भारत,आदि पुराण ग्रंथ की ।
पंप कन्नड भाषा का प्रसिद्ध लेखक था ।
2.पोन्न- पोन्न ने 'शांतिपुराण' ग्रंथ की रचना की ।
3.रन्न- 'अजितपुराण' के रचयिता । एवं योग्य शासक था।
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