कृष्ण गीतावली गोस्वामी तुलसीदास की एल लघु काव्य कृति है। इसमें ६१ पदों के माध्यम से कृष्ण चरित को काव्य का विषय बनाया गया है। यह ग्रन्थ ब्रजभाषा में है -

कबहुं न जात पराए धाम ही।
खेलत ही निज देखों आंगन सदा सहित बलराम ही। ।

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