केकसी रामायण की एक पात्र है। वह राक्षसों के अधिपति सुमाली की पुत्री थी। उसने छल से पुलत्स्य ऋषि के पुत्र विश्रवा के साथ विवाह किया। जिसके कारण ऋषि ने उन्हें राक्षस पुत्रो का श्राप दिया। जिससे कुंभकर्ण ,रावण नामक महाभट्ट हुए तथा केकसी से खुश होकर विश्रवा ने नारायण भक्त विभीषण के होने का आशीर्वाद दिया । रावण ने जब विभीषण का त्याग किया तो केकसी ने विभीषण को राम की शरण में जाने की सलाह दी। कालांतर में अपने पति विश्रवा के पास बद्रिकाश्रम चली गई जहां अपने पति के साथ तपस्या करके सत्यलोक चली गई।