केतन पारेख भारत के पूर्व शेयर दलाल हैं जिन्हें भारतीय शेयर बाजार में 1998 से 2001 के मध्य वित्तीय घोटाले के लिए वर्ष 2008 में अपराधी पाया गया।[1] इस समय में, पारेख कुछ प्रतिभूतियों को चुनकर (अनौपचारिक रूप से इन्हें के-10 शेयर कहा जाता है।) उनके मूल्य को बदलते थे, इसके लिए वो माधवपुरा मर्चेंटाइल को-ओपरेटिव बैंक से उधार लेते थे जिसके निदेशक वो स्वयं थे।[2] इसके पश्चात् उन्हें वर्ष 2017 तक भारतीय शेयर बाजार में लेनदेन करने से प्रतिबन्धित कर दिया गया।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. दलाल, सुचेता. "SEBI Discovers Ketan Parekh (18 जून 2009)". सुचेता दलाल डॉट कॉम. सुचेता दलाल. मूल से 30 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मई 2019.
  2. दलाल, सुचेता (13 मार्च 2001). "Ketan Parekh: Delusions of invincibility?". रीडिफ़. मूल से 30 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मई 2019.
  3. "Action against Harshad Mehta, Videocon, BPL and Sterlite (Press release 19 April 2001)". सेबी डॉट गॉव डॉट इन. सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड). मूल से 25 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 मई 2019.