केतु विश्वनाथ रेड्डी
केतु विश्वनाथ रेड्डी तेलगु भाषा के एक लेखक व साहित्यकार थें।[1] इनका जन्म आन्ध्र प्रदेश के येरांगुटल में स्थित रंगसाइपुरम में १० जुलाई, १९३९ को हुआ था इनकी ३६ पुस्तकें प्रकाशित हुई थी जिनमें केतु विश्वनाथ रेड्डी कथलु नामक कहानी-संग्रह एवं वरलु बोधि नामक उपन्यास से इन्हें लेखक के रूप में पहचान मिली थी। इन्होंने १४ पुस्तकों का संपादन एवं ३ पुस्तकों का अंग्रेजी से तेलगु में अनुवाद किया था। इनकी कहानियाँ विभिन्न भाषाओं में अनुदित हुई हैं। १९९१ में लिखी गई इनकी प्रसिद्ध कहानी खड्गालु-काटुक पिट्टलु २००७ में विजयराघव रेड्डी द्वारा हिन्दी में अनूदित हुई थी।
केतु विश्वनाथ रेड्डी केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार, श्री पुलुपुल्ला वेंकटेशिवैया साहित्य पुरस्कार, आंध्रप्रदेश साहित्य अकादेमी पुरस्कार, वेंकटरमैय्या स्वर्णपदक एवं भारतीय भाषा परिषद का ऋतंभरा पुरस्कार से सम्मानित हो चुके थे। इन्होंने थाइलैंड, सिंगापुर, ब्रिटेन की शैक्षणिक यात्राएँ भी की थी।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Today, Telangana; Reddy, K. Srinivas (2023-05-22). "Renowned Telugu writer Kethu Viswanatha Reddy no more". Telangana Today (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-22.