केन्दुझर

ओडिशा राज्य के केन्दुझर ज़िले का मुख्यालय

केन्दुझर (Kendujhar) या केओनझर (Keonjhar) भारत के ओड़िशा राज्य के केन्दुझर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2][3]

केन्दुझर
Kendujhar
କେନ୍ଦୁଝର
केन्दुझर का दृश्य
केन्दुझर का दृश्य
केन्दुझर is located in ओडिशा
केन्दुझर
केन्दुझर
ओड़िशा में स्थिति
निर्देशांक: 21°38′N 85°35′E / 21.63°N 85.58°E / 21.63; 85.58निर्देशांक: 21°38′N 85°35′E / 21.63°N 85.58°E / 21.63; 85.58
देश भारत
राज्यओड़िशा
ज़िलाकेन्दुझर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल60,590
भाषाएँ
 • प्रचलितओड़िया
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
 
केन्दुझर
 
केन्दुझरगढ़ दुर्ग

ओडिशा राज्य में शामिल होने से पहले केन्दुझर एक स्वतंत्र रजवाडा था। ओडिशा राज्य की तमाम विविधताएं इस जिले में देखी जा सकती हैं। प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध यह हरा-भरा जिला 8337 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यहां के विष्णु और जगन्नाथ मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण के केन्द्र में होते हैं। नगर के बाहरी हिस्सों में सिद्ध जगन्नाथ, सिद्ध काली और पंचवटी जैसे दर्शनीय स्थल हैं। विश्व की सबसे प्राचीनतम चट्टान भी यहां देखी जा सकती है। इस चट्टान को 38000 मिलियन साल पुराना माना जाता है। इन चट्टानों में गुप्त काल के अभिलेखों की पर्यटकों के अलावा इतिहास में रूचि रखने वालों को भी आकर्षित करते हैं। घटगाँ, मुर्गामहादेव, गोनासिका और सीताबिंज आदि यहां के लोकप्रिय पर्यटक स्थल हैं।

प्रमुख आकर्षण

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हदगढ़ बांध

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सालंदी नदी पर बना यह बांध भद्रक से 20 किलोमीटर की राष्ट्रीय राजमार्ग 20 पर स्थित है। बांध में मगरमच्छों को उनकी प्राकृतिक अवस्था में देखा जा सकता है। हदगढ़ अभयारण्य और उसके आसपास की सुंदरता बांध को पिकनिक के लिए एक आदर्श जगह बनाती है। केंदुझर यहां से 115 किलोमीटर और आनंदपुर 35 किलोमीटर दूर है।

बउला पहाड़ी

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घने जंगलों से घिरी यह पहाड़ियां आनंदपुर के निकट स्थित हैं। इन पहाड़ियों को हाथियों का स्थायी निवास स्थल माना जाता है। निकट ही एक पहाड़ी के शिखर पर स्थित चक्रतीर्थ जैन तीर्थस्थल दूर-दराज से लोगों को आकर्षित करता है। यहां से आसपास के क्षेत्र के मनोरम दृश्यों को निहारा जा सकता है।

रावण छाया गुफा

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छाते के आकार ही यह गुफा केंदुझर के सीताबिंज में स्थित है। यह पत्थर की गुफाएं आकर्षक भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध है। घुड़सवारों और सैनिकों के साथ हाथी की सवारी में जाते राजा का चित्र बेहद सजीव जान पड़ता है।

चक्रतीर्थ

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यह लोकप्रिय जैन तीर्थस्थल केंदुझर से 85 किलोमीटर की दूरी पर है। बउला पहाड़ियों के निकट हरे-भरे और मनोरम वातावरण में स्थित चक्रतीर्थ में भगवान ऋषभ की आकर्षक प्रतिमा देखी जा सकती है। प्रतिमा कमलासन तल पर विराजमान है। एक शानदार झरना और कुछ गुफाएं चक्रतीर्थ के आसपास देखी जा सकती हैं। गढ़चंडी और पोडासिंगिडी निकटवर्ती दर्शनीय स्थल हैं।

गोनासिका

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केंदुझर से 45 किलोमीटर दूर स्थित गोनासिका ब्रह्मेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह पवित्र स्थल अनेक सुंदर घाटियों और सुंदर वनों से और भी खूबसूरत हो जाता है। इस स्थान को बैतरणी नदी का स्रोत भी कहा जाता है। अपने स्रोत से कुछ दूरी पर ही नदी भूमिगत हो जाती है जिस कारण इसे पातालगंगा भी कहा जाता है।

कुशलेश्वर मंदिर

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यह मंदिर शैव भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। देओगांव में कुशेई नदी के किनारे स्थित इस मंदिर का निर्माण 9वीं शताब्दी में हुआ था। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में उनकी आकर्षक प्रतिमा विराजमान है। साथ ही देवी पार्वती, कार्तिकेय, भैरव और गणेश की मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं।

मुर्गा महादेव मंदिर

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चंपुआ के निकट स्थित यह मंदिर केंदुझर से 70 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके निकट ही एक बारहमासी झरना है। श्रद्धालुओं का इस मंदिर में हमेशा आना-जाना लगा रहता है।

केंदुझर जिले का यह औद्योगिक नगर लोहे और मैंगनीज धातुओं से समृद्ध है। कलिंग आयरन वर्क्‍स खनिज आधारित गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र है। बडबिल राउरकेला से 135 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में है।

हदगढ़ अभयारण्य

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यह अभयारण्य हदगढ़ कुंड और सालंदी बांध के निकट स्थित है। अभयारण्य में अनेक वन्यजीवों को विचरण करते देखा जा सकता है। टाईगर, तेंदुए, फिशिंग कैट, हेना, हाथी, लंगूर पेंगोलिन अदि पशुओं के अलावा पक्षियों और सरीसृपों की विविध प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। अभयारण्य केंदुझर से 135 किलोमीटर की दूरी पर है।

वायु मार्ग

भुवनेश्वर में यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है जो देश के अनेक बड़े शहरों से नियमित फ्लाइटों द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

हावड़ा-चेन्नई रूट पर स्थित जाजपुर-केंदुझर रेलवे स्टेशन यहां का करीबी रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन केंदुझर को देश और राज्य के अनेक हिस्सों से जोड़ता है।

सड़क मार्ग

राष्ट्रीय राजमार्ग 20 और राष्ट्रीय राजमार्ग 49 इसे ओडिशा और अन्य राज्यों से जोड़ते हैं। राज्य परिवहन की नियमित बसें अनेक पड़ोसी शहरों से यहां के लिए चलती रहती हैं।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. "Orissa reference: glimpses of Orissa," Sambit Prakash Dash, TechnoCAD Systems, 2001
  2. "The Orissa Gazette," Orissa (India), 1964
  3. "Lonely Planet India," Abigail Blasi et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787011991