केसरी (रामायण)
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हनुमान के पिता का नाम केसरी था जो वानरो के सम्राट थे। अंजना केसरी की पत्नी थी। हनुमानजी के दादा देव गुरु बृहस्पति व परदादा ब्रह्म ऋषि अंगिरा भगवान जो जांगल प्रदेश में तपस्या कर आदि सनातन धर्म व स्वायंभुव कालीन सप्तर्षि व अथर्व वेद के प्रमुख मंत्र दृष्टा जंगिड मणि विभूषित हैं [1]
भगवान हनुमान वानर राज केसरी तथा अंजना के पुत्र थे हनुमान जी की माता अंजना वास्तव मैं स्वर्ग की अप्सरा थी जिन्होंने शाप के कारण मानव योनि में जन्म लिया था हनुमान जी के पिता केसरी देवताओं के गुरु बृहस्पति के पुत्र थे वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे। केसरी के सबसे बड़े पुत्र का नाम हनुमान है। हनुमान जी के अन्य पांच भाईयों के नाम क्रमश: इस प्रकार हैं- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान।
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- ↑ -, Nilam kumari (2024-05-14). "वेद प्रकाश गुप्ता के मुर्ति शिल्प में रंगो का प्रयोग". International Journal For Multidisciplinary Research. 6 (3). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2582-2160. डीओआइ:10.36948/ijfmr.2024.v06i03.19843.