मधु और कैटभ सृष्टि के निर्माण की प्राचीन भारतीय अवधारणा से जुड़े हुए दो प्रसिद्ध दैत्य हैं। इन दोनों का जन्म कल्पान्त तक सोते हुए विष्णु के दोनों कानों से हुई थी। जब वे ब्रह्मा को मारने दौड़े तो विष्णु ने उन्हें नष्ट कर दिया।। मार्कण्डेय पुराण के अनुसार कैटभ का नाश उमा द्वारा हुआ था जिससे उन्हें 'कैटभा' कहते हैं। हरिवंश पुराण की अनुश्रुति है कि दोनों दैत्यों की मेदा की ढेर के कारण पृथ्वी का नाम मेदिनी पड़ गया। भगवान विष्णु का एक नाम मधुसूदन और कैटभभाजित इन दोनों का वध करने के पश्चात् हुआ | मधुसूदन ( मधु दैत्य का संहार करने वाले ) कैटभभाजित ( कैटभ दैत्य के विनाशक )

मधु-कैटभ का वध करते हुए विष्णु देवी महात्म्य का एक चित्र।

बाहरी कड़ियाँ

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