कोंच
कोंच (Konch) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन ज़िले में स्थित एक नगर,तहसील मुख्यालय और एक नगरपालिका बोर्ड है।कोंच शहर क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है। [1][2]
कोंच Konch | |
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निर्देशांक: 25°59′N 79°09′E / 25.98°N 79.15°Eनिर्देशांक: 25°59′N 79°09′E / 25.98°N 79.15°E | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | जालौन ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 53,412 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
नामोत्पत्ति
संपादित करेंप्राचीन काल में इस स्थान पर एक प्राकृतिक झील थी। झील से अनवरत जल झरता रहता था। झील के आस पास क्रेन पक्षियों सहित कई अन्य पक्षियों का भी आना जाना रहता था।झील के पास प्राकृतिक सुंदरता के आकर्षण से सबको लुभाने वाला एक लघु पर्वत था। इसी मनमोहक प्राकृतिक स्थान पर ईस्वी सन् के पूर्व यशस्वी क्रौंच ऋषि ने तपस्या की थी, इसलिए कोंच शहर क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है।
साहित्यपीडिया पब्लिशिंग,नोएडा,भारतवर्ष से प्रकाशित पं बृजेश कुमार नायक के ग्रंथ 'क्रौंच सु ऋषि आलोक'खंड काव्य का द्वितीय संस्करण ISBN 978-81-937022-8-4 के अनुसार यशस्वी क्रौंच ऋषि के नाम पर इस शहर का नाम कोंच पड़ा ।[3]
प्रसिद्ध घटनाएँ
संपादित करें- कोंच शहर यशस्वी क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है।
- चौड़ा-काल में बावन गढ़ों की लड़ाई की सैन्य तैयारी हेतु यह स्थान दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान के पक्ष की सेना के लिए 'प्रशिक्षण केन्द्र' और 'शरण स्थली' बना था,इसलिए यह स्थान पृथ्वीराज चौहान के पक्ष की सेना के लिए बनाए गए चौंड़ा-काल के "सैन्य प्रशिक्षण केन्द्र" के लिए भी विख्यात है।
- 'चौडा़' पृथ्वीराज चौहान की सेना का अधिपति था।
- बैरागढ़, जिला जालौन,उ प्र, में पावन शारदा माता के मंदिर के समीप आल्हा और पृथ्वीराज चौहान के बीच 'बावन गढ़ों की लड़ाई' के रुप में अंतिम युद्ध हुआ था, जिसमें वीर 'चौंड़ा' ने वीरगति प्राप्त की थी। नामोत्पत्ति सहित उक्त चारों बिंदुओं का विवरण ,साहित्यपीडिया पब्लिशिंग से प्रकाशित पं बृजेश कुमार नायक के ग्रंथ 'क्रौंच सु ऋषि आलोक' खंड काव्य के द्वितीय संस्करण ISBN 9788193702284 में पढ़ा जा सकता है।
- यह शहर सबसे पुरानी रामलीला और दशहरा उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है। यह रामलीला नाटक 160 साल पुराना है और इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
- यह शहर कोंच-एट के बीच भारतवर्ष की एक सबसे छोटी ब्राॅड-गेज रेलवे लाइन के लिए भी प्रसिद्ध है, इस रेलवे लाइन पर चलने वाली रेलगाड़ी को कोंच-एट शटल के नाम से जाना जाता है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
- ↑ "KONCH City is famous for the tapobhoomi of kraunch Rishi.कृति का नाम-'क्रौंच सु ऋषि आलोक' खंड काव्य/शोधपरक ग्रंथ।संस्करण -द्वितीय संस्करण,2018,ISBN 978-81-937022-8-4, रचनाकार/कृतिकार(ऑथर )का नाम-पं बृजेश कुमार नायक(Pt. Brajesh Kumar Nayak)। प्रकाशक साहित्यपीडिया पब्लिशिंग,नोएडा, भारतवर्ष।".
- ↑ "देश में सबसे कम दूरी की कोंच और एट के बीच चलती ट्रेन". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2021-01-26.