कोई मेरे दिल से पूछे

2002 की विनय शुक्ल की फ़िल्म

कोई मेरे दिल से पूछे 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें आफ़ताब शिवदासानी और अपनी पहली फ़िल्म में ईशा देओल प्रमुख भूमिकाओं में हैं।[1]

कोई मेरे दिल से पूछे

कोई मेरे दिल से पूछे का पोस्टर
निर्देशक विनय शुक्ला
निर्माता बोनी कपूर
अभिनेता जया बच्चन,
आफ़ताब शिवदासानी,
संजय कपूर,
ईशा देओल
संगीतकार राजेश रोशन
प्रदर्शन तिथियाँ
11 जनवरी, 2002
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

डिजाइनर अमन पुरी (आफ़ताब शिवदासानी) पुरी परिवार का इकलौता बेटा है। उसके पिता (अनुपम खेर) चाहते हैं कि वह शादी कर ले। लेकिन अमन जिद करता है कि वह तब तक शादी नहीं करेगा जब तक उसे अपने सपनों की लड़की नहीं मिल जाती। अपने अंतिम प्रोजेक्ट को डिजाइन करने की कोशिश करते समय, वह अपने कॉलेज की साथी छात्रा ईशा सिंह (ईशा देओल) को देखता है। अमन, ईशा से दोस्ती करने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन वह उसे मना कर देती है। उसके पिता, अमन को दुखी नहीं देख पाते। वह ईशा की मां मानसी देवी (जया बच्चन) से बात करने का फैसला करते हैं। मानसी देवी ने अमन के पिता को आश्वासन दिया कि उसे ईशा के प्रति अमन के इरादों पर कोई आपत्ति नहीं है। फिर वह ईशा से बात करती है और उसे बताती है कि अमन से दोस्ती करने में कुछ भी गलत नहीं है।

अमन और ईशा को प्यार हो जाता है और वे शादी करने की योजना बना रहे हैं। अमन और ईशा की सगाई समारोह में दुष्यंत (संजय कपूर) यह कहते हुए आता है कि वह मानसी देवी का बेटा है। दुष्यन्त को देखकर ईशा बेहद डर जाती है। इससे पता चलता है कि दुष्यन्त वास्तव में मानसी देवी का बेटा है और ईशा उसकी पत्नी है। अपने हनीमून पर दुष्यंत ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने और वह दृश्य फिल्माने का प्रयास किया था। ईशा यह मानकर भाग निकली थी कि दुष्यन्त मर गया है। वह मानसी देवी के पास लौट आई और उन्हें उनके बेटे के बारे में सच्चाई बताई। मानसी देवी और ईशा खुद को मां-बेटी बताकर दूसरे शहर चली आईं। अब, दुष्यन्त ने ईशा की जिंदगी बर्बाद करने की कसम खाई है। अमन को सच्चाई का पता चलता है और वह कसम खाता है कि उसे ईशा से शादी करने से कोई नहीं रोक सकता।

ईशा की शादी के दिन मानसी देवी खीर लेकर दुष्यन्त के पास जाती है, जो उसने विशेष रूप से उसके लिए बनाई है। दुष्यन्त उस पर भरोसा नहीं करता है और उसे पहले इसे खाने के लिए कहता है। वह ऐसा करती है और फिर वह भी इसे खा जाता है। पता चलता है कि खीर में जहर था। अनजाने में निगले गए ज़हर की वजह से दुष्यन्त की सबसे भयानक और दर्दनाक मौत हो जाती है। अमन और ईशा के विवाह समारोह को देखने के बाद मानसी देवी की मृत्यु हो जाती है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी राजेश रोशन द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."आवारा मैं बादल"देव कोहलीसोनू निगम, हेमा सरदेसाई6:35
2."दीवाना तेरा हाय"इब्राहिम अश्क़उदित नारायण6:11
3."हँसे टिम टिम"सूर्यभानु गुप्तपामेला जैन6:09
4."जब तू मुस्कुराती"इब्राहिम अश्क़उदित नारायण, पामेला जैन7:48
5."कहती है मंगनी की अँगूठी"सूर्यभानु गुप्तप्रीति उत्तम5:03
6."लपक झपक"सूर्यभानु गुप्तकमाल ख़ान7:16
7."तेरा भला करे भगवान"सूर्यभानु गुप्तसोनू निगम6:26
8."तू मत हो उदास"सूर्यभानु गुप्तशान, पामेला जैन5:02

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

वर्ष नामित कार्य पुरस्कार परिणाम
2003 ईशा देओल फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार जीत

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की तरह सफल नहीं हो पाईं बेटी एशा देओल, शादी के बाद फिल्मों से बना ली दूरी". अमर उजाला. अभिगमन तिथि 12 दिसम्बर 2023.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें