त्रिकोणमिति में एक सामान्य त्रिभुज के लिये निम्नलिखित संबन्ध को कोज्या नियम (law of cosines) या कोज्या सूत्र कहते हैं (सन्दर्भ चित्र १) -
चित्र 1 – त्रिभुज, जिसमें कोण α , β , तथा γ क्रमशः भुजाओं a , b , and c के सामने के कोण हैं।
c
2
=
a
2
+
b
2
−
2
a
b
cos
γ
{\displaystyle c^{2}=a^{2}+b^{2}-2ab\cos \gamma \,}
कोज्या नियम पाइथागोरस के प्रमेय का सामान्यीकृत स्थिति (केस) है, अर्थात
γ
{\displaystyle \gamma \ }
= ९० डिग्री तो
2
a
b
cos
γ
=
0
{\displaystyle 2ab\cos \gamma \ =0}
अतः :
c
2
=
a
2
+
b
2
{\displaystyle c^{2}=a^{2}+b^{2}}
कोज्या नियम उस स्थिति में उपयोगी होता है जब किसी त्रिभुज की दो भुजाएँ एवं उनके बीच का कोण दिया हो तथा तीसरी भुजा की लम्बाई निकालनी हो। या तीनों भुजाएँ दी हुई हों और कोई भी कोण निकालना हो, जैसे-
त्रिभुज ABC में,
a
=
4
,
00
c
m
{\displaystyle a=4{,}00\;{\rm {cm}}}
b
=
2
,
00
c
m
{\displaystyle b=2{,}00\;{\rm {cm}}}
c
=
3
,
70
c
m
{\displaystyle c=3{,}70\;{\rm {cm}}}
भुजा b के सामने का कोण
β
{\displaystyle \beta }
निकालो।
b
2
=
a
2
+
c
2
−
2
⋅
a
⋅
c
⋅
cos
β
{\displaystyle b^{2}=a^{2}+c^{2}-2\cdot a\cdot c\cdot \cos \beta }
2
⋅
a
⋅
c
⋅
cos
β
=
a
2
+
c
2
−
b
2
{\displaystyle 2\cdot a\cdot c\cdot \cos \beta =a^{2}+c^{2}-b^{2}}
cos
β
=
a
2
+
c
2
−
b
2
2
⋅
a
⋅
c
=
(
4
,
0
c
m
)
2
+
(
3
,
7
c
m
)
2
−
(
2
,
0
c
m
)
2
2
⋅
4
,
0
c
m
⋅
3
,
7
c
m
=
0,868
{\displaystyle \cos \beta \,=\,{\frac {a^{2}+c^{2}-b^{2}}{2\cdot a\cdot c}}={\frac {(4{,}0\,{\rm {cm}})^{2}+(3{,}7\,{\rm {cm}})^{2}-(2{,}0\,{\rm {cm}})^{2}}{2\cdot 4{,}0\,{\rm {cm}}\cdot 3{,}7\,{\rm {cm}}}}=0{,}868}
β
=
29
,
8
∘
{\displaystyle \beta =29,8^{\circ }}
कोज्या नियम की उपपत्ति के लिये चित्र
सामने के चित्र में,
b
2
=
d
2
+
e
2
{\displaystyle b^{2}=d^{2}+e^{2}}
तथा
a
2
=
d
2
+
(
c
−
e
)
2
{\displaystyle a^{2}=d^{2}+(c-e)^{2}}
उपरोक्त दोनों समीकरणों में से d2 का विलोपन करने पर,
a
2
=
b
2
+
c
2
−
2
c
e
{\displaystyle a^{2}=b^{2}+c^{2}-2ce}
इसी प्रकार,
cos
(
α
)
=
e
/
b
{\displaystyle \cos(\alpha )=e/b}
, या
e
=
b
cos
(
α
)
{\displaystyle e=b\cos(\alpha )}
अतः
a
2
=
b
2
+
c
2
−
2
b
c
cos
(
α
)
{\displaystyle a^{2}=b^{2}+c^{2}-2bc\cos(\alpha )}