कोलार
कोलार (Kolar) भारत के कर्नाटक राज्य के कोलार ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2]
कोलार Kolar ಕೋಲಾರ | |
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श्री कोलारम्मा मंदिर | |
निर्देशांक: 13°07′59″N 78°07′59″E / 13.133°N 78.133°Eनिर्देशांक: 13°07′59″N 78°07′59″E / 13.133°N 78.133°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | कर्नाटक |
ज़िला | कोलार ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,83,462 |
भाषा | |
• प्रचलित | कन्नड़ |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
इस सामिप 45km छत्रपति शिवाजि माहाराज Dam In Yargol
विवरण
संपादित करेंकोलार भारत के पुराने स्थलों में से है। इस जगह के निर्माण में चोल और पल्लव का योगदान रहा है। मध्यकाल में यह विजयनगर के शासकों के अधीन रहा। कोलार में कई पर्यटन स्थल है जहां आप जा सकते हैं। हैदर अली के पिता का मकबरा कोलार की पुरानी इमारतों में से है।
भूगोल
संपादित करेंकोलार की स्थिति 13°08′N 78°08′E / 13.13°N 78.13°E[3] पर है। यहां की औसत ऊंचाई है 822 मीटर (2,697 फीट)।
इतिहास
संपादित करेंकोलार के इतिहास का सम्बन्ध कई प्रमुख दन्तकथाओं से है। इसका सम्बन्ध मुलबगल तालुक के अवनी से है। इसे अवनी क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऋषि वाल्मीकि (रामायण महाकाव्य के रचनाकार) यहां पर ठहरें थे। इसके अलावा श्रीराम लंका से अयोध्या वापस आ रहे थे तो वह भी कुछ समय के लिए यहां पर रूके थे। राम द्वारा सीता को ठुकराए जाने पर सीता जी अपने दोनों पुत्रों लव व कुश के साथ अवनी में ही शरण लिया था।
प्रमुख आकर्षण
संपादित करेंकोलारम्मा मंदिर
संपादित करेंएल आकार में बने इस मंदिर में दो प्रमुख मंदिर दुर्गा (कोलारम्मा) और सप्तमात्रा स्थित है। सप्तमात्रा काफी बड़ा मंदिर है। यह मंदिर द्रविडियन शैली में बना हुआ है। विमान इस शैली की प्रमुख विशेषता होती है। इस मंदिर का निर्माण ग्याहरवीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर के भीतर महाद्वार बना हुआ है।
कुरूदमेल
संपादित करेंयह काफी प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर मुलाबगल, होयसल वंश की राजधानी से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर में कुरूदमेल गणेश की 13.5 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
सोमेश्वर मंदिर
संपादित करेंयह मंदिर विजयनगर शैली का अनूठा उदाहरण है। यह मंदिर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
कोटी लिंगेश्वर
संपादित करेंकम्मासन्द्रा गांव कोलार से 6 किलोमी. की दूरी पर स्थित है। यहां 80 लाख से भी अधिक लिंग स्थापित है। 108 फीट से अधिक ऊंचा लिंग यहां का प्रमुख आकर्षण है। पर्यटकों के लिए यहां रहने व मुफ्त खाने की सुविधा उपलब्ध है।
सोने की खान
संपादित करेंयह सोने की खान कोलार से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा यहां कुछ समय पहले ही बी.ई.एम.एल की स्थापना की गई है।
कोलर पर्वत
संपादित करेंकोलर बेत्ता या कोलर पर्वत सतश्रीगा पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। यह स्थान प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894
- ↑ "Falling Rain Genomics, Inc - Kolar". मूल से 4 दिसंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 मई 2009.