कौण्डिन्य (पालि में, कोण्डञ्ञ) एक बौद्ध भिक्षु थे जो सबसे पहले अर्हत बने थे। उन्हें 'अज्ञातकौण्डिन्य' (पालि : अञ्ञा कोण्डञ्ञ) भी कहते हैं। उनका जीवनकाल ६ठी शताब्दी में था। उन्होने उन क्षेत्रों में भ्रमण किया जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश और बिहार के अन्तर्गत हैं।