कौल्पिट दोलित्र (Colpitts oscillator) कुण्डली-संधारित्र से निर्मित इलेक्ट्रॉनिक दोलक है जो निश्चित आवृति की के दोलन जनित करने के लिए संधारित्र और प्रेरक के संयोजन से बनता है। इसका आविष्कार १९१८ में अमेरिकी अभियंता एड्विन एच॰ कौल्पिट ने किया।[1] कौल्पिट दोलित्र का विशिष्ठ गुणधर्म यह है कि इसमें सक्रीय परिपथ का पुनर्निवेश प्रेरक के साथ श्रेणी क्रम में जुड़े दो संधारित्रों से निर्मित विभव विभाजाक द्वारा दिया जाता है।[2][3][4][5]


  1. Oscillation generator, 1 फ़रवरी 1918 नामालूम प्राचल |inventor-first= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |issue-date= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |inventor-last= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |country-code= की उपेक्षा की गयी (मदद); नामालूम प्राचल |patent-number= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  2. Gottlieb, Irving Gottlieb (1997). Practical Oscillator Handbook. US: Elsevier. पृ॰ 151. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0750631023.
  3. Carr, Joe (2002). RF Components and Circuits. US: Newnes. पृ॰ 127. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0750648449.
  4. Basak, A. (1991). Analogue Electronic Circuits and Systems. UK: Cambridge University Press. पृ॰ 153. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0521360463.
  5. Rohde, Ulrich L.; Matthias Rudolph (2012). RF / Microwave Circuit Design for Wireless Applications, 2nd Ed. John Wiley & Sons. पपृ॰ 745–746. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 1118431405.