क्या यही प्यार है

2002 की हिन्दी फ़िल्म

क्या यही प्यार है 2002 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह के. मुरली मोहन राव द्वारा निर्देशित है। इसमें आफ़ताब शिवदासानी, अमीषा पटेल और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिकाओं में हैं।

क्या यही प्यार है

क्या यही प्यार है का पोस्टर
निर्देशक के. मुरली मोहन राव
लेखक जावेद सिद्दीकी
निर्माता अल्लू अरविन्द
कुमार तौरानी
रमेश तौरानी
मुकेश उदेशी
अभिनेता आफ़ताब शिवदासानी,
अमीषा पटेल,
जैकी श्रॉफ
संपादक के. रवि कुमार
संगीतकार साजिद-वाजिद
प्रदर्शन तिथियाँ
22 मार्च, 2002
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

राहुल तिवारी (आफ़ताब शिवदासानी) संध्या पाटिल (अमीषा पटेल) से प्यार करता है। लेकिन पिछले चार सालों से उसे बताने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। वह हर जगह उसका पीछा करता है। यहाँ तक कि उसके बस में चढ़ने तक का इंतज़ार भी करता है। लेकिन संध्या को राहुल के होने तक का तक पता नहीं है। एक दिन, राहुल को पता चलता है कि संध्या कहाँ रहती है। उसे यह भी पता चलता है कि उसके पिता पुलिस इंस्पेक्टर राज पाटिल "राजा" (आशीष विद्यार्थी) हैं। राज एक क्रूर और शराबी व्यक्ति है, जिसकी पत्नी रचना (नीना कुलकर्णी) और बेटी हमेश भय में रहती है। राज पाटिल के मन में किसी भी इंसान के लिए कोई सम्मान नहीं है। राज को पता चलता है कि राहुल उसकी बेटी के जीवन में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है। वह तब उसे सार्वजनिक रूप से गिरफ्तार कर लेता है और उसकी पिटाई करता है। राहुल का भाई, डॉ. कमलाकर तिवारी (जैकी श्रॉफ), राज के दोस्तों की मदद से उसे जेल से बाहर निकालता है। कमलाकर को उम्मीद होती है कि इस स्थिति के बाद राहुल को सबक मिलेगा।

हालाँकि, इसका कोई फायदा नहीं होता है क्योंकि राहुल संध्या की उदासीनता के बावजूद उसके प्रति आकर्षित रहता है। दरअसल, संध्या ने राहुल और उसकी कॉलेज की दोस्त नेहा को यह बता दिया है कि उसे केवल अपनी पढ़ाई करने में दिलचस्पी है। राहुल के अगले कदम के डर से, राज ने अपनी पत्नी और बेटी से कहा कि उन्हें तुरंत शहर छोड़ देना चाहिए। वह हैदराबाद चले जाते हैं जहां उसकी बड़ी बहन रहती है। लेकिन बस में उसका मन बदल जाता है। योजना में इस बदलाव के बारे में पता न चलने पर राहुल संध्या की तलाश में हैदराबाद चला जाता है। कमलाकर को पता चलता है कि एक आदमी ने अपनी प्रेमिका द्वारा उसे अस्वीकार करने के कारण जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। इस बारे में पता चलने के बाद, कमलाकर राहुल को खोजने और उसे हैदराबाद जाने से रोकने के लिए अपनी कार चला रहा होता है। गाड़ी चलाते समय, उसे चिंता होती है कि राहुल अस्पताल के आदमी की तरह जहर खाकर आत्महत्या ना कर ले। ध्यान भटकने के परिणामस्वरूप, कमलाकर की स्वयं एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है। राहुल अंततः अपने बड़े भाई की मृत्यु के बारे में पता चलने पर घर भागता है, लेकिन देखता है कि वह कमलाकर के दाह संस्कार से चूक गया है। परेशान होकर, राहुल को जल्द ही एहसास होता है कि उसने एकतरफा भावनाओं के कारण अपने जीवन के चार साल और अपने भाई का बलिदान कर दिया है। जब नेहा द्वारा दबाव डालने के बाद संध्या को राहुल के प्रति अपने 'प्यार' को कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह उसे अस्वीकार कर देता है। ताकि वे दोनों अपने भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर सकें जैसा कि संध्या हमेशा से चाहती थी।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी साजिद-वाजिद द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."आशिक़ हूँ"जलीस राशिदसोनू निगम5:08
2."चाहतों की दुनिया"जलीस राशिदसाबरी बंधु7:24
3."दिल की नज़र में"अजय झिंगरनअलका यागनिक5:10
4."दिल की नज़र में" (पुरुष संस्करण)अजय झिंगरनकुमार शानू5:10
5."दिल पे छाने लगा"जलीस राशिदकेके, सुनिधि चौहान3:48
6."मेरी तरह तुम भी"जलीस राशिदबाबुल सुप्रियो, अलका यागनिक4:58
7."ओ माहीवे"जलीस राशिदसोनू निगम5:16
8."पहली पहली बार है" (रिमिक्स)जलीस राशिदसोनू निगम, अलका यागनिक5:37
9."सोचूँ तुम्हें"जलीस राशिदकुमार शानू2:15
10."तुझे देख कर जीता"जलीस राशिदकुमार शानू, सोनू निगम, अलका यागनिक6:55

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "अमीषा पटेल की फूटी किस्मत, ब्लॉकबस्टर से किया डेब्यू फिर भी रही FLOP". hindi.asianetnews.com. अभिगमन तिथि 16 जनवरी 2024.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें