क्रिस्टोफ़र कोलम्बस

इतालवी अन्वेषक, नाविक और उपनिवेशक (1451–1506)

क्रिस्टोफर कोलम्बस (२५ अगस्त और ३१ अक्टूबर १४५१ के बीच जन्म - २० मई १५०६) एक इतालवी [a] अन्वेषक और नाविक थे, जिन्होंने स्पेन के कैथोलिक सम्राटों द्वारा प्रायोजित अटलांटिक महासागर में चार यात्राएँ पूरी कीं, जिससे व्यापक यूरोपीय अन्वेषण और अमेरिका के उपनिवेशीकरण की प्रारंभ हुई। उनके अभियान कैरेबियन, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के साथ पहला ज्ञात यूरोपीय संपर्क थे।

महासागर के नावाधिपति
क्रिस्टोफ़र कोलम्बस
सेबस्टियानो डेल पियोम्बो द्वारा कोलंबस का मरणोपरांत चित्र, १५१९। कोलंबस का कोई ज्ञात प्रामाणिक चित्र नहीं है।[1]

पद बहाल
1492–1499
नियुक्त किया कैस्टिल की इसाबेला प्रथम
उत्तरा धिकारी फ्रांसिस्को बोबाडिला

जन्म २५ अगस्त और ३१ अक्टूबर १४५१ के बीच
जेनोआ, जेनोआ गणराज्य
मृत्यु २० मई १५०६ (५४ वर्ष की आयु)
वेलेडोलिड, कैस्टिल
समाधि स्थल सेविल कैथेड्रल, सेविल, स्पेन
जन्म का नाम क्रिस्टोफर कोलंबस
जीवन संगी फ़िलिपा मोनिज़ पेरेस्ट्रेलो (वि॰ 1479)
सहजीवन मित्र बीट्रिज़ एनरिकेज़ डी अराना
बच्चे
  • डिएगो कोलंबस
  • फर्डिनेंड कोलंबस
व्यवसाय समुद्री अन्वेषक
हस्ताक्षर
सैन्य सेवा
पद महासागर के नावाधिपति

क्रिस्टोफर कोलंबस नाम लैटिन क्रिस्टोफोरस कोलंबस का अंग्रेजीकरण है। विद्वान सामान्यतः इस बात से सहमत हैं कि कोलंबस का जन्म जेनोआ गणराज्य में हुआ था और उन्होंने लिगुरियन की एक बोली को अपनी पहली भाषा के रूप में बोला था। वे छोटी आयु में एक नाविक बन गए और व्यापक रूप से ​​ब्रिटिश द्वीपों जितनी उत्तर और घाना जितनी दक्षिण तक यात्रा की। उन्होंने पुर्तगाली कुलीन स्त्री फ़िलिपा मोनिज़ पेरेस्ट्रेलो से शादी की, जिन्होंने अपने बेटे डिएगो को जन्म दिया और वह कई वर्षों तक लिस्बन में रहे। बाद में उन्होंने एक कैस्टिलियन रखैल, बीट्रीज़ एनरिकेज़ डी अराना को लिया, जिसने अपने बेटे, फर्नांडो (जिसे हर्नांडो के नाम से भी जाना जाता है) को जन्म दिया।[3][4][5]

अधिकतर स्व-शिक्षित, कोलंबस भूगोल, खगोल विज्ञान और इतिहास के जानकार थे। उन्होंने आकर्षक मसाले के व्यापार से लाभ की आशा में पूर्वी इंडीज़ (भारतवर्ष एवं दक्षिण-पूर्व एशिया) के लिए एक पश्चिमी समुद्री मार्ग की अन्वेषण करने की योजना विकसित की। ग्रेनेडा युद्ध और कई राज्यों में कोलंबस की लगातार पक्ष जुटाव के बाद, कैथोलिक सम्राट कैस्टिल के इसाबेला प्रथम और आरागॉन के फर्डिनेंड द्वितीय पश्चिम की यात्रा को प्रायोजित करने के लिए सहमत हुए। कोलंबस ने अगस्त १४९२ में तीन जहाजों के साथ कैस्टिल छोड़े और १२ अक्टूबर को अमेरिका में आगमन किए, जिससे अमेरिका में मानव निवास के पूर्व-कोलंबियन युग का अंत हो गया। उनका आगमन स्थान बहामास में एक द्वीप था, जिसे इसके मूल निवासियों द्वारा गुआनाहानी के नाम से जाना जाता था। बाद में उन्होंने उन द्वीपों का यात्रा किया जिन्हें अब क्यूबा और हिसपनिओला के नाम से जाना जाता है और हैती में एक उपनिवेश स्थापित किया। उनकी यात्रा की जानकारी शीघ्र ही पूरे यूरोप में फैल गई।

  1. आधुनिक इतालवी राज्य अभी तक नहीं बना था; अधिकांश विद्वानों का मानना ​​है कि कोलंबस का जन्म जेनोवा गणराज्य में हुआ था।.[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Lester, Paul M. (January 1993). "Looks are deceiving: The portraits of Christopher Columbus". Visual Anthropology. 5 (3–4): 211–227. डीओआइ:10.1080/08949468.1993.9966590.
  2. फ्लिन्ट्, वालेरी I.J. (१६ मई २०२१). "Christopher Columbus". Encyclopedia Britannica (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि २ जनवरी २०२२.
  3. फ़ेर्नन्डेज़्-आर्मेस्टो, फ़ेलिपे (2010). Columbus on Himself. Hackett Publishing. पृ॰ 270. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-60384-317-1.
  4. टविअनि, पओलो एमिलिओ (2016). "Beatriz de Arana". प्रकाशित बेदडिनि, सिल्विओ A. (संपा॰). The Christopher Columbus Encyclopedia. Springer. पपृ॰ 24–25. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-349-12573-9. कोलंबस ने बीट्रीज़ से कभी विवाह नहीं की। जब वे पहली यात्रा से लौटे, तो उन्हें सबसे बड़ा सम्मान दिया गया और स्पेन में सर्वोच्च पद पर पहुँचाया गया। अपनी खोज के कारण, वे स्पैनिश राजसभा में सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक बन गए और उस समय के सभी महान व्यक्तियों जैसे, विवाह और विवाहेतर संबंधों के बातों पर प्रथागत नियमी प्रतिबंधों को प्रस्तुत करना पड़ा। अल्फोन्सिन नियमों ने अकुलीन महिलाओं के साथ "प्रसिद्ध लोगों" (राजा, राजकुमारों, शासक, कुलीन) के लिए विवाहेतर संबंधों को रोक दिया, अगर वे स्वयं या उनके पूर्वज हीन सामाजिक स्थिति के थे।
  5. Phillips & Phillips 1992, पृ॰ 126.