क्षत्राणी पन्ना
क्षत्राणी पन्ना गांगरोन (झालावाड़) के राजा शत्रुशाल सिंह खींची (चौहान) की बेटी थी। राजा शत्रुशाल सिंह 6000 योद्धाओं के साथ राणा सांगा की ओर से खानवा के युद्ध में बाबर के विरूद्ध लड़े और वीरगति को प्राप्त हुए। क्षत्राणी पन्ना का विवाह मेवाड़ के वीर योद्धा समर सिंह सिसोदिया से हुआ था।
इतिहासकार गौरीशंकर ओझा , गोपीनाथ शर्मा , श्यामल दास , पी . एन . ओक , डॉ . हुकम सिंह भाटी , जगदीश सिंह गहलोत , सुजान सिंह झाझड़ , डॉ . कृष्ण सिंह बिहार , डॉ . शम्भू सिंह मनोहर , गोवर्धन शर्मा आदि ने स्पष्ट लिखा है कि पन्नाधाय क्षत्राणी थी। और तो और ठाकुर शिवनाथ सिंह हाड़ा (कोटा) , डॉ . अख्तर हुसैन निज़ामी , और कर्नल जेम्स टॉड जैसे विख्यात इतिहासकारों ने पन्नाधाय को क्षत्राणी ही माना है। [1]
पन्ना क्षत्राणी थी इसका प्रमाण :-
संपादित करेंउदय सिंह का जन्म 1522 ई . मे बूंदी (ननिहाल) में हुआ । उदय सिंह के राज्याभिषेक 1537 ई . के समय उम्र 15 वर्ष थी। सन् 1536मे विक्रमादित्य की बनवीर द्वारा हत्या करते समय उदय सिंह की आयु 14 वर्ष थी ।
सन् 1533 -34 में उदय सिंह जी की मां कर्मावती (कर्णावती) द्वारा जौहर करते समय पन्ना देवी को सोपते समय 11वर्ष थी यह उम्र दूध पीने की नहीं थी ।
पन्ना को मेवाड़ के उत्तराधिकारी उदय सिंह की देख रेख एवम् सुरक्षा का जिम्मा दिया था । यह कार्य किसी विशिष्ट पारिवारिक क्षत्राणी को सौपा जाता था , ना कि किसी साधारण महिला को ।
पन्ना खींची (चौहान) एवम् उदय सिंह की मां कर्मावती हाड़ा (चौहान) दोनो एक ही कुल की थी । अतः यह महत्वपूर्ण कार्य पन्नाधाय को सौपा गया ।क्षत्रिय संस्कृति [2]
- ↑ Bhanwar Singh Thada (2023-06-24). "पन्नाधाय : क्षत्राणी पन्ना का सर्वोच्च बलिदान" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-05.
- ↑ "पन्नाधाय : क्षत्राणी पन्ना का सर्वोच्च बलिदान" (अंग्रेज़ी में). 2023-06-24. अभिगमन तिथि 2024-02-05.