क्षमावणी या "क्षमा दिवस" जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाने वाला एक पर्व है। दिगम्बर इसे अश्विन कृष्ण मास की एकम को मनाते हैं। श्वेतांबर इसे अपने ८ दिवसीय पर्यूषण पर्व के अंत में मनाते है।[1][2] इस पर्व पर सबसे अपने भूलों की क्षमा याचना की जाती है। इसे क्षमावाणी, क्षमावानी और क्षमा पर्व भी कहते है।[3]

अवलोकन संपादित करें

इस दिन जैन सभी जीवों से क्षमा माँगते है और क्षमा करते हैं। [4]

खम्मामि सव्व जीवेषु सव्वे जीवा खमन्तु में, मित्ति में सव्व भू ए सू वैरम् मज्झणम् केण इ
Khämemi Savve Jivä, Savve Jivä Khamantu Mi Mitti Me Savva bhuesu, Veram majjham na Kenai.
सब जीवों को मैं क्षमा करता हूं, सब जीव मुझे क्षमा करे सब जीवो से मेरा मैत्री भाव रहे, किसी से वैर-भाव नहीं रहे

References संपादित करें

  1. Same day as गणेश चतुर्थी.
  2. Chapple.
  3. संग्रहीत प्रति, मूल से 19 सितंबर 2016 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2016 नामालूम प्राचल |प= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  4. "Kshamavaani Day or kshama Divas of Jain People". मूल से 21 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितंबर 2016.