खगोलिकी का इतिहास
सभी प्राकृतिक विज्ञानों में से खगोलिकी (Astronomy) सबसे प्राचीन है।[1] इसका आरम्भ प्रागैतिहासिक काल से हो चुका था तथा प्राचीन धार्मिक एवं मिथकीय कार्यों में इसके दर्शन होते हैं। खगोलिकी के साथ फलित ज्योतिष (astrology) का बहुत ही नजदीकी सम्बन्ध रहा है और आज भी जनता दोनो को अलग नहीं कर पाती। खगोलिकी (सिद्धान्त ज्योतिष) और फलित ज्योतिष केवल कुछ शताब्दी पहले ही एक-दूसरे से अलग हुए हैं।[2]
प्राचीन खगोलविद तारों और ग्रहों के बीच के अन्तर को समझते थे। तारे शताब्दियों तक लगभग एक ही स्थान पर बने रहते हैं जबकि ग्रह कम समय में भी अपने स्थान से हटे हुए दिख जाते हैं।[3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 29 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 13 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 अगस्त 2018.
इन्हें भी देखें
संपादित करें- भारतीय ज्योतिषी - भारतीय खगोलशास्त्रियों के नामेवं उनके कार्यों का विवरण
- भारतीय खगोलशास्त्र
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- खगोल विज्ञान-१ : न्यूटन से पहले भास्कराचार्य ने बताया था गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त
- खगोल विज्ञान-२ : आर्यभट्ट ने खंगाला खगोल
- Indian Astronomy : A historical perspective
- भारत में भौतिक विज्ञानों का इतिहास
- Astronomiae Historia / History of Astronomy at the Astronomical Institutes of Bonn University.
- Commission 41 (History of Astronomy) of the International Astronomical Union (IAU)
- Society for the History of Astronomy
- Mayan Astronomy
- Caelum Antiquum: Ancient Astronomy and Astrology at LacusCurtius
- The Antikythera Calculator (Italian and English versions) - Ing. Giovanni Pastore
- Starry Messenger: Observing the Heavens in the Age of Galileo An exhibition from the Beinecke Rare Book and Manuscript Library at Yale University
- Mesoamerican Archaeoastronomy
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