खटाणा गुर्जरो का गोत्र है।[1] प्राचीनकाल में काबुल के पास का क्षेत्र खटाण या खोटाण नाम से जाना जाता था। इस क्षेत्र के राणा (राजा) खटाणा कहलाये। जयपाल खटाणा तथा आनन्दपाल खटाणा ने ९५४ ईसा में राज किया था तथा महमूद गजनवी के साथ उनकी जन्ग हुइ थी।

भगवान श्रीदेवनारायण की माता साडूमाता, दूदाजी खटाणा की पुत्री थी। दूदाजी खटाणा देवास (मालवा) के राजा थे।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. A. N. Bharadwaj (1994). History and culture of Himalayan Gujjars. Jay Kay Book House. p. 74.