खरमास क्या है ? संपादित करें

खरमास की अवधारणा भारतीय पारंपरिक पञ्चाङ्ग या कैलेंडर से सम्बद्ध है। इसे सनातन या हिन्दू से सम्बंधित भी कहा जा सकता है।

राशियों की कुल संख्या बारह है :- मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन। सूर्य प्रत्येक राशि में १ महीने रहते हैं और उसे सौरमास कहा जाता है। १२ राशियों के आधार पर १२ मास या महीना भी होता है। राशियों के स्वामी इस प्रकार हैं :

  • मेष और वृश्चिक - मंगल।
  • वृष और तुला - शुक्र।
  • मिथुन और कन्या - बुध।
  • कर्क - चंद्र।
  • सिंह - सूर्य।
  • धनु और मीन - गुरु।
  • मकर और कुम्भ - शनि।

धनु और मीन गुरु की राशि है। गुरु की राशि अर्थात् धनु और मीन में जब सूर्य रहते हैं तो वह मास खरमास कहलाता है। जब सूर्य धनु राशि में हों तो पौष मास होता है। जब सूर्य मीन राशि में हों तो पौष मास होता है। अर्थात पौष व चैत्र दोनों सौरमास खरमास कहलाता है। अन्य प्रचलित कथा के अनुसार इस महीने सूर्य के रथ में खर (गदहा) जुड़ा रहता है। क्योंकी थका हुआ घोड़ा विश्राम करता है। चूंकि सूर्य के रथ को खर खींचता है इसलिए इस मास को खर-मास कहते हैं। गुरु गृह में होने से सूर्य का तेज मंद हो जाता है। समस्त सृष्टि, जीवन, के मुख्य आधार सूर्य ही हैं। समस्त शुभ/मांगलिक कार्यों का सम्पादन भी सूर्य की स्थिति के आधार पर ही किया जाता है अतः जब सूर्य मंद होते हैं तो किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य निषिद्ध हो जाता है।

खरमास में वर्जित कार्य की पूरी लिस्ट संपादित करें

खरमास में सभी तरह के मांगलिक कार्य निषिद्ध या वर्जित हैं। मांगलिक कार्यों में उपनयन-विवाहादि एवं नये कार्यों का आरम्भ एवं प्रवेश; गृहारम्भ, ग्रहप्रवेश, वधूप्रवेश आदि कार्य वर्जित हैं। पूजा-कथा मांगलिक कार्यों में नहीं आता है।

1 – कोई भी विवाह सम्बन्धी, चाहे रिश्ता पक्का करना या देखने दिखाने का कार्य आपको नहीं करना है।

2 – वाहन, घर, जमीन, गहने आपको नहीं खरीदने है।

3 – कोई मांगलिक कार्य जैसे बच्चे का मुंडन, नामकरण, गृहप्रवेश या घर में कोई पूजा जैसे सत्यनारायण की पूजा, देवी जागरण इत्यादि जैसे शुभ कार्य आपको नहीं करने है।

4 – आपको नए कपड़ों, जूते चप्पलों की भी खरीदारी नहीं करनी है, अगर आपके पास नए कपडे पहले से रखे भी जो आने अभी तक पहन के देखे नहीं है तो उनको भी खरमास में न पहने।

5 – खरमास में बहु बेटियों की विदाई भी नहीं करनी चाहिए अगर वह मायके में है तो ससुराल ना जाए और ससुराल है तो मायके ना जाए।

6 – कोई भी करियर सम्बन्धी नई नौकरी, या कोई भी नया बिज़नेस आपको इस समय शुरू नहीं करना है।

खरमास में वर्जित कार्य की पूरी लिस्ट

खरमास में मांगलिक कार्य क्यों नहीं करना चाहिये ? संपादित करें

खरमास में गुरु की राशि में स्थित होने के कारण सूर्य मन्द हो जाते हैं अर्थात शुभफल दायकत्व से रहित हो जाते हैं। इसलिये खरमास में किये गये कार्यों में सूर्य द्वारा प्राप्त होने वाला शुभफल प्राप्त नहीं हो सकता। अतः खरमास में मांगलिक कार्यों के लिये शास्त्रों में निषेध किया गया है।

अपवाद : खरमास में वर्जित कार्यों का एक अपवाद भी है। चैत्र माह में खरमास होने पर भी उपनयन किया जा सकता है।

खरमास और मलमास संपादित करें

खरमास और मलमास दोनों पूर्णतः अलग हैं। कुछ लोग दोनों को एक ही समझने की भूल कर बैठते हैं।

खरमास कब से कब तक है - 2023-2024 ?