ख़ंजर (१९८० फ़िल्म)
ख़ंजर १९८० में आत्माराम द्वारा निर्मित एवं निर्देशित हिंदी भाषा की फ़िल्म है| इस रोमांचक एवं आपराधिक फ़िल्म में नवीन निश्चल प्रमुख कलाकार तथा रीना रॉय, सुरेश ओबेरॉय, अमज़द खान, जयश्री टी, महमूद, रीटा भादुड़ी, शेखर कपूर, के.एन. सिंह, जानकीदास, जीवन, मुराद एवं सज्जन सहायक कलाकार है| नितिन मंगेश ने इसमें संगीत दिया तथा गीत माया गोविन्द ने लिखे हैं|
ख़ंजर | |
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निर्देशक | आत्माराम |
लेखक | राम गोविंद |
निर्माता |
आत्माराम गुरुदत्त फिल्म्स |
अभिनेता |
नवीन निश्चल, रीना रॉय, सुरेश ओबेरॉय, अमज़द खान, महमूद |
छायाकार |
के.आर. मूर्ति, युसूफ़ |
संपादक | ई.जी. शिंदे |
संगीतकार |
नितिन मंगेश माया गोविंद (गीत) |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
कथा आपराधिक जाँच में एक खंजर व उसके अभिरक्षक से संबंधित लोगों की रहस्यात्मक हत्याओं के विषय में है|
संक्षेप
संपादित करेंप्रकाश (नवीन निश्चल) नामक एक पुस्ताकालयाध्यक्ष अपनी बेटी के साथ रहता है| एक दिन उसका पुराना मित्र तथा जासूस कैप्टेन उस्मान (सुरेश ओबेरॉय) उसे मिल एक डायरी व खंजर दे कर उन्हें सुरक्षित रखने कहता है| उन्हें देते उस्मान बताता है कि वे एक आपराधिक जाँच से संबंधित हैं तथा एक गिरोह इनके लिए उसका पीछा कर रहा है| कुछ समय बाद प्रकाश को उस्मान की ह्त्या का समाचार मिलता है| एक अंजान व्यक्ति उसे डायरी व खंजर के विषय में फोन पर बात करता है| कुछ दिन बाद प्रीती (रीना रॉय) नामक लड़की प्रकाश से मिल, उसके साथ हुए डायरी व खंजर के बारे में जानने का प्रयत्न करती है| उसकी हरकतें देख प्रकाश उस्मान की डायरी, खंजर, उस्मान की ह्त्या व प्रीती की हरकतें पुलिस से सविस्तार बताता है| वे उसे प्रीती से अपने गिरोह के विषय में पता करने की सलाह देते है| प्रकाश के पूछने पर प्रीती बताती है के वह यह सब प्रिंस (अमज़द खान) के कहने पर कर रही है| इधर प्रीती के विषय जान प्रिंस उसकी ह्त्या करवाता है| कुछ दिन बाद रमेश (शेखर कपूर), प्रकाश की छोटी बहन ज्योति (रीटा भादुड़ी) का पति, की भी ह्त्या होती है| ये सभी रहस्यात्मक हत्याएं उसके पास के खंजर से संबंधित जान प्रकाश चिंतित होता है| अपने जादूगर मित्र जगत (महमूद) तथा रसवंती (जयश्री टी) के साथ वह उदयगढ़ के स्वामीजी (अमज़द खान) से इस विषय में पता करने जाता है| इसपर खंजर व हत्याओं का रहस्य और उलझता है| कुछ रोमांचक घटनाओं के बाद खंजर का रहस्य सुलझ जाता है|
मुख्य कलाकार
संपादित करें- नवीन निश्चल — प्रकाश
- रीना रॉय — निशा/प्रीती
- सुरेश ओबेरॉय — कैप्टेन उस्मान
- अमज़द खान — प्रिंस/स्वामीजी
- जयश्री टी — रसवंती
- महमूद — जगत
- रीटा भादुड़ी — ज्योति
- शेखर कपूर — रमेश
- के.एन. सिंह
- गौरी वर्मा
- जानकीदास
- जीवन
- मानेक ईरानी
- मुराद
- मृदुला
- राजा दुग्गल
- सज्जन
- सुंदर तनेजा
दल
संपादित करें- निर्देशन — आत्माराम
- कथा — राम गोविंद
- पटकथा — राम गोविंद
- संवाद — राम गोविंद
- निर्माण — आत्माराम
- निर्माण संस्था — गुरुदत्त फ़िल्म्स[1]
- संपादन — ई.जी. शिंदे
- छायांकन — के.आर. मूर्ति, युसूफ
- कला निर्देशन — एल.जी. पाटिल
- वस्त्राभिकल्पना — लीना शाह, मणि राबड़ी
- समरकला निर्देशन — रवि खन्ना
- नृत्य निर्देशन — कमल
- पार्श्व संगीत — अनिल मोहिले, अरुण पौडवाल
- संगीत निर्देशन — नितिन मंगेश
- गीत — माया गोविंद
- पार्श्वगायन — अंजली, आरती मुखर्जी, अज़ीज़ नाज़ा, जसपाल सिंह, महमूद, उषा टिमोथी
संगीत
संपादित करेंसभी गीत माया गोविंद ने लिखे तथा संगीत नितिन मंगेश ने दिया है|
गीत | गायक | समय |
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"तुम मेरी ज़िंदगी हो" (एकल) | आरती मुखर्जी | 6:00 |
"तुम मेरी ज़िंदगी हो" (युगल) | जसपाल सिंह, आरती मुखर्जी | 5:00 |
"तेरी निगाह खंजर" | अज़ीज़ नाज़ा | 3:55 |
"देखो मेरा ये जंतर मंतर" | महमूद, अंजलि | 3:00 |
"ज़िंदा हूँ मगर ज़िंदा हूँ नहीं" | आरती मुखर्जी | 5:05 |
"लो हम आ गये हैं फिर तेरे दर" | अज़ीज़ नाज़ा | 4:50 |
"होनोलूलू से आई हूँ मैं" | उषा टिमोथी | 5:05 |