ख़ातून

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ख़ातून (फ़ारसी: [خاتون] Error: {{Lang}}: text has italic markup (help), Khātūn, तुर्कीयाई: Hatun) एक स्त्रियों को दी जाने वाली उपाधि है जो सब से पहले गोएकतुर्क साम्राज्य और मंगोल साम्राज्य में प्रयोग की गई थी। इनके क्षेत्रों में यह "रानी" और "महारानी" की बराबरी की उपाधि थी। समय के साथ-साथ यह भारतीय उपमहाद्वीप में "देवी" की तरह किसी भी महिला के लिए एक आदरपूर्ण ख़िताब बन गया। भारत में कई प्रसिद्ध औरतों के नाम से यह उपाधि जुड़ी हुई है, मसलन "हब्बा ख़ातून" कश्मीरी भाषा की एक प्रसिद्ध कवियित्री थीं।

मंगोल सम्राट हुलागु ख़ाँ अपनी ईसाई पत्नी दोक़ुज़ ख़ातून के साथ

"ख़ातून" में 'ख़' की ध्वनि का उच्चारण 'ख' से थोड़ा भिन्न होता है।

उपाधि का स्रोत

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हालांकि "ख़ातून" नाम का प्रयोग तुर्की-मंगोल लोगों ने पहले किया, यह वास्तव में तुर्की भाषाओँ से उपजा शब्द नहीं है, बल्कि सोग़दी भाषा से लिया गया है, जो प्राचीन मध्य एशिया में बोली जाने वाली एक हिन्द-ईरानी भाषा थी।[1][2][3] फ़ारसी में इसे "خاتون‎" लिखा जाता है। तुर्की में इसे "हातून" उच्चारित किया जाता है। "ख़ातून" प्रयोग में "ख़ान" (ख़ाँ) की बराबरी की स्त्रीलिंग उपाधि है, लेकिन ध्यान रहे की भाषावैज्ञानिक नज़रिए से "ख़ान" का स्त्रीलिंग रूप "ख़ानम" या "ख़ानुम" है।

इन्हें भी देखें

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  1. Carter Vaughn Findley, "Turks in World History", Oxford University Press, 2005, p. 45: "... Many elements of Non-Turkic origin also became part of Türk statecraft [...] for example, as in the case of khatun [...] and beg [...] both terms being of Sogdian origin and ever since in common use in Turkish. ..."
  2. Fatima Mernissi, "The Forgotten Queens of Islam", University of Minnesota Press, 1993. pg 21: "... Khatun 'is a title of Sogdian origin borne by the wives and female relatives of the Tu-chueh and subsequent Turkish Rulers ..."
  3. Leslie P. Peirce, "The Imperial Harem: Women and Sovereignty in the Ottoman Empire", Oxford University Press, 1993. pg 312: "... On the title Khatun, see Boyle, 'Khatun', 1933, according to whom it was of Soghdian origin and was borne by wives and female relations of various Turkish Rulers. ..."