ख़ैबर का युद्ध ( सन् 629, मई) इस्लाम के प्रारंभिक इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी जिससे शुरुआती मुसलमानों और हिजाज़ के यहूदियों के बीच के निर्णायक युद्ध के रूप में देखा जाता है जिसमें यहूदियों ने हथियार डाल दिये थे। इस लड़ाई में इस्लामी पैग़म्बर मुहम्मद के चाचा जात भाई और चौथे खलीफ़ा अली की बहादुरी भी स्मरणीय थी।

यहूदियों के साथ हुई एक पिछली संधि का यहूदियों द्वारा उल्लंघन करने से इस्लामी पक्ष ख़फ़ा थे। पहले अबू बकर और उमर को इसके ख़िलाफ़ भेजा गया, लेकिन उनकी असफलता के बाद अली के नेतृत्व में सेना भेजी गई जिसमें निर्णायक विजय प्राप्त हुई। ध्यान रहे कि पैग़म्बर के मरने के बाद, पहले भेजे गए सेनानायक - अबू बकर और उमर - पहले और दूसरे ख़लीफ़ा (प्रधान) बने,हजरत अली को चौथा ख़लीफ़ा बनाया गया।