खादी
खादी या खद्दर भारत में हाथ से बनने वाले वस्त्रों को कहते हैं। खादी वस्त्र सूती, रेशम, या ऊन से बने हो सकते हैं। इनके लिये बनने वाला सूत चरखे की सहायता से बनाया जाता है।
खादी वस्त्रों की विशेषता है कि ये शरीर को गर्मी में ठण्डे और सर्दी में गरम रखते हैं।
भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में खादी का बहुत महत्व रहा। गांधीजी ने १९२० के दशक में गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये खादी के प्रचार-प्रसार पर बहुत जोर दिया था।
खादी गीत
संपादित करेंभारत के स्वतंत्रता संग्राम में खादी पर अनेक कविताएँ और गीत लिखे और गाए गए। इसी तरह सन् 1921 में जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में गाँधी जी को आमन्त्रित किया गया तो गाँधी जी के स्वागत में सोहन लाल द्विवेदी जी ने 'खादी गीत' प्रस्तुत किया। यह इतना प्रभावी था कि कुछ ही दिनों में सम्पूर्ण देश में खादी गीत की धूम मच गई। नीचे खादी गीत दे रहे हैं-
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एक अन्य खादी गीत कवि हरीश यादव द्वारा लिखा और गाया गया है जिसमें आधुनिक समय में खादी की उपयोगिता को बताया गया है.[1]
मन की बात में खादी
संपादित करेंभारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात में कई बार खादी के महत्व तथा उसको प्रोत्साहित करने पर बल दिया है।
मोदी जी ने एक समारोह मे खादी को बढ़ावा देने के लिये नारा दिया था "राष्ट्र के लिए खादी, फैशन के लिए खादी"[2] इसके परिणामस्वरूप खादी का अधिक व्यापार होना शुरु हो गया। [3][4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Khadi Geet song 2021 (वीडियो 2021) | लघु, म्यूज़िकल, अभिगमन तिथि 2024-03-12
- ↑ "Khadi for nation and Khadi for fashion: Tribute to Bapu". www.narendramodi.in. मूल से 30 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-01-29.
- ↑ "मोदी के अपील का असर, 'गांधी जयंती' पर खादी इंडिया ने एक दिन में बनाया बिक्री का रिकार्ड". मूल से 26 जनवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 मई 2020.
- ↑ "मोदी के अपील का असर, 'गांधी जयंती' पर खादी इंडिया ने एक दिन में बनाया बिक्री का रिकार्ड". मूल से 26 जनवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 मई 2020.
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- खादी का जादू अब नए रंग मे
- खादी का जन्म
- खादी और ग्रामोद्योग आयोग (भारत सरकार), आधिकारिक जालघर
- उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड
- महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्थान
- मोदी सरकार की कोशिश ने किया कमाल, पहली बार खादी और ग्रामीण उत्पादों की बिक्री 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा (मई, २०१७)
- खादी एवं ग्रामोद्योग की बिक्री में 332 प्रतिशत की बढ़ोतरी, एक साल में हुई 1,34,630 करोड़ रुपये की बिक्री (मई, २०२३)
- सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित खादी गीत
- खादी कल्चर (अंग्रेजी में)
- खादी का जन्म