लतरी
खेसारी एक दलहन है और दलहन भारत में रबी खरीफ और जायद की फसल है जिसमें खेसारी रबी की फसल है यह पूर्बी
(खेसरी से अनुप्रेषित)
लतरी या खेसारी (वानस्पतिक नाम: Lathyrus sativus) एक वनस्पति है जिससे दाल प्राप्त होती है। दुनिया के अनेक राष्ट्रों में इसकी खेती एवं इसका उपयोग प्राचीनकाल से किया जाता रहा है। खेसारी दाल का वनस्पति शास्त्र का नाम लेथाइरस सेटाइवस एवं अंग्रेजी का नाम ग्रास पी, मराठी का लाख-लाखोड़ी, हिन्दी, असमी, बंगला, बिहारी नाम खेसारी-खेसाड़ा व तिवरा,तिवरी भी कहा जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे लतरी कहते हैं। खेसारी दाल में ODAP जहरीला तत्व है खेसारी दाल कम कीमत पर मिलने वाली दाल है इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक यदि ज्यादा मात्रा में खाया जाए ।इसकेसके उपयोग से पक्ष घात व गठिया रोग होता है इसे कच्चा खाने से तिरुपुट नामक रोग उत्पन्न होता है।
लतरी | |
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Lathyrus sativus | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | Plantae |
अश्रेणीत: | Angiosperms |
अश्रेणीत: | Eudicots |
अश्रेणीत: | Rosids |
गण: | Fabales |
कुल: | Fabaceae |
उपकुल: | Faboideae |
वंश समूह: | Vicieae |
वंश: | Lathyrus |
जाति: | L. sativus |
द्विपद नाम | |
Lathyrus sativus L. |
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- जहरीली नही है खेसारी दाल - डॉ॰ शान्तिलाल कोठारी
- दाल हो तो खेसारी
- खेसारी से नहीं होता लकवा (जागरण)
- IPBO Lathyrus Research Laboratory
- Lathyrus Lathyrism Newsletter
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