खैराबाद, उत्तर प्रदेश
खैराबाद (Khairabad) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सीतापुर ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
खैराबाद Khairabad | |
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खैराबाद इमामबाड़ा | |
निर्देशांक: 27°32′N 80°45′E / 27.53°N 80.75°Eनिर्देशांक: 27°32′N 80°45′E / 27.53°N 80.75°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | सीतापुर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 48,490 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
विवरण
संपादित करेंयह नगरपालिका बड़े मकदूम साहब व छोटे मकदूम साहब की मजार के लिए जाना जाता है। खैराबाद मजारों का क़स्बा भी कहलाता है। दूर दूर से लोग यहाँ ज़ियारत करने आते है। कसबे में एक इमामबाड़ा भी है जिसकी अपनी एक ऐतिहासिक आभा है। कस्बे में एक प्रसिद्ध हॉस्पिटल भी है जो मिशिनरियो द्वारा संचालित है, जिसका नाम बी.सी.एम् हॉस्पिटल है। कस्बे मे एक 52 डंडे का प्रसिद्ध एकता का प्रतीक ताज़िया भी बनता है।
खैराबाद से बहुत से लोग प्रसिद्धी को प्राप्त हुए, परंतु एक व्यक्ति जिन्होंने कस्बे में एक अमित छाप छोड़ी वह हैं सोम जी बाबा। सोमजी बाबा एक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ साथ भारत के राष्ट्रपति का नामांकन करने वाले जनपद के इकलौते व्यक्ति हैं। किहैराबाद के मोहल्ला माखुपुरा में इनका निवास था, आज भी इनके वंशज यहाँ निवास करते हैं।
खैराबाद में 12वीं और 13वीं सदी के बीच में खैराबाद के राजा खैरा पासी थे। भारत पर तुर्को का निरन्तर आक्रमण होता रहता था। तब तुर्को ने अवध क्षेत्र को जीतने के लिए असफल प्रयास करते रहते थे, लेकिन तुर्क दिल्ली से बार बार विशाल सेना भेजते रहते थे। एक बार तुर्क अपनी विशाल सेना अवध क्षेत्र की तरफ रवाना किया रास्ते में उन्होंने भारी तबाही मचाई। जो राज्य दिल्ली सल्तनत के अधीन नहीं रहना चाहता था उन राज्यों को तुर्क सेना तहस नहस कर देते थे। इसी के कारण राजपूत राजाओं ने अधीनता स्वीकार कर लेते थे या सन्धि कर लेते थे। राजा खैरा पासी ने तुर्को की अधीनता स्वीकार करने से मना किया, तो तुर्क आक्रमणकारी ने राजा खैरा पासी के राज्य पर आक्रमण कर दिया। राजा खैरा पासी ने अपनी सेना के साथ युद्ध भूमि में जा डटे और तुर्को से युद्ध किया। इस युद्ध में खैरा पासी अपना राज्य गवाँ बैठे। खैराबाद का नाम राजा खैरा पासी के नाम से ही जाना जाता था। खैराबाद को बसाने वाले राजा खैरा पासी थे। राजकुमार इतिहासकार अपनी पुस्तक में विस्तार से लिखते है कि खैराबाद के शासक खैरा पासी थे।26/01/1954को विकासखंड मुख्यालय घोषित किया गया था।1961 की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार 90 ग्राम पंचायत और न्याय पंचायत 10थी।और जनसंख्या 65312 थी। 1964 गजेटियर के अनुसार पेज संख्या 156/360 हैं।
कोरोना वाइरस
संपादित करेंखैराबाद बना कोरोना वाइरस का हाॅटस्पाॅट जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी तरह से सील कर दिया है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
- ↑ "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975