खोई भाषाएँ
अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में बोली जाने वाली भाषाओं का वह सबसे बड़ा परिवार
खोई भाषाएँ (Khoe languages) अफ़्रीका के दक्षिणी हिस्से में बोली जाने वाली भाषाओं का वह सबसे बड़ा परिवार है जो बांटू भाषा-परिवार का सदस्य नहीं है। यह पहले खोईसान भाषाओं की एक शाखा मानी जाती थी और 'मध्य खोईसान' के नाम से जानी जाती थी, लेकिन आधुनिक काल में यह एक अलग परिवार समझा जाता है। खोई भाषाओं में से सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा नामा भाषा है जो नामीबिया में बोली जाती है। अन्य खोई भाषाएँ बोत्स्वाना में कालाहारी रेगिस्तान में बोली जाती हैं। खोई भाषाएँ अपने क्लिक व्यंजनो के लिये जानी जाती हैं।[1]
खोई | |
---|---|
मध्य खोईसान (पुराना अप्रचलित नाम) | |
भौगोलिक विस्तार: |
नामीबिया व कालाहारी रेगिस्तान |
भाषा श्रेणीकरण: |
खोई-सान्दावे (प्रस्तावित)
|
उपश्रेणियाँ: |
खोईखोई
त्शु-ख्वे
|
ऍथनोलॉग कोड: | 17-61 |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Hunters and Herders of Southern Africa: A Comparative Ethnography of the Khoisan Peoples Archived 2016-05-04 at the वेबैक मशीन, Alan Barnard, pp. 31, Cambridge University Press, 1992, ISBN 9780521428651, ... The important point here is that the Khoe languages are distinct from the rest, and are spoken by both hunter-gatherers and herders ...