खोज प्रणाली अनुकूलन

SEO एक process है जिससे websites को designing और developing की help से search engine results में high rank मिल सकता है.

खोज प्रणाली अनुकूलन या खो॰ प्र॰ अ॰ या SEO एक प्रक्रिया है। जिससे कोई अपने जालस्थल (Website ) को विभिन्न खोज इंजन पर किसी शब्द को खोजे जाने पर दिखाये जाने वाले जैविक परिणामों में  दिखाये जाने के अनुकूल करता है। यदि यह अच्छी तरह से अनुकूलित रहे तो विज्ञापन आदि में जो व्यय होता है उसकी आवश्यकता कम होती है। इसे प्रयोक्ता द्वारा अच्छी तरह से अनुकूलित करने की सदैव कोशिश होते रहती है। लेकिन हर खोज सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का अपना अलग तरीका होता है, जिससे वह किसी पृष्ठ को अपने लिए अच्छा सोचती है या केवल अनुकूलित वाला पृष्ठ समझ कर उसे नहीं देखती अथवा महत्व नही देती है।

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1990 के आस पास खोज प्रणाली अनुकूलन जैसे अनुकूलन की आवश्यकता पड़ी। तब इस प्रकार के खोज प्रणाली की शुरुआत हो रही थी। इसे जालस्थल के पृष्ठ के पते को भेजने के बाद वह किसी खोज प्रणाली में दिखता था। लेकिन उसके खोज प्रणाली अनुकूलन के कारण वह अधिक ऊपर क्रम मे दिखता था।

इस खोज प्रणाली अनुकूलन के लिए जालस्थल के कई मालिक अपने अपने जालस्थल को ऊपर दिखाने की कोशिश में अलग अलग तरीका अपनाते थे। यह तरीका मुख्यतः दो तरह के होते थे। एक सफ़ेद टोपी और दूसरे को काली टोपी के नाम से जाना जाता था। इसमें सफेत टोपी कानूनी रूप से सही अनुकूलन होता था। जबकि काली टोपी अनुकूलन कुछ समय के लिए अच्छी तरह से ऊपर पहुँचा देता था। लेकिन उस कंपनी को इस बारे में पता लगने पर वह तरीका फिर काम नहीं करता था। इसे कुछ लोग एक व्यापार के रूप में लेने लगे और इसके लिए कंपनी भी खोल लिए।

1997 तक, खोज इंजन डिजाइनरों ने यह मान लिया किया कि वेबमास्टर्स अपने खोज इंजन में अच्छी श्रेणी करने के प्रयास कर रहे थे, और यह कि कुछ खोज प्रणाली विशेषज्ञ भी अत्यधिक या अप्रासंगिक खोजशब्दों वाले पृष्ठों को भरकर खोज परिणामों में अपनी [1]रैंकिंग में हेरफेर कर रहे थे। प्रारंभिक खोज इंजन, ने अपने कलन विधि को वेबमास्टर्स को श्रेणी में हेर बनाने से रोकने के प्रयास में समायोजित किया।

1998 में दो छात्रो ने बेकरब नामक एक खोज प्रणाली बनाई जो पृष्ठ के पायदान के अनुरूप कार्य करती थी। बाद में 1998 में ही वे गूगल नामक कंपनी बनाई जो खोज प्रणाली जैसी सेवा देती है। शुरू में यह केवल कुछ ही जालस्थल के पते को रखती थी। लेकिन जब यह लोगों तक पहुंची तो बहुत से लोग इसमें अपने जालस्थल को आगे करने हेतु कई प्रकार के तरीके बनाएँ। इसमें अनेक स्थानों पर कड़ी जोड़ना या किसी अनुप्रयोग के द्वारा स्वतः ही कड़ी बनाना आदि था। पहले पहले यह क्रिया कार्य करने लगी लेकिन बाद में इसमें बदलाव के बाद यह क्रिया करने पर जो स्थान रहता था। वह भी और नीचे चले जाता था।

प्रक्रिया

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कड़ी भेजना

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सर्वप्रथम किसी भी नई जालस्थल को और उससे जुड़े पृष्ठों, जिसे आप इस खोज परिणाम में दिखाना चाहते हैं। उन्हें भेजते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ घण्टों से लेकर कुछ दिनों का समय लग जाता है। कई नए पते में यह समय एक सप्ताह का लगता है। जिसके बाद यह प्रक्रिया धीरे धीरे तेज होने लगती है। यदि आपका अनुकूलन सही तरीके से हुआ है, तो आपके द्वारा कोई पृष्ठ बनाते साथ ही खोज प्रणाली का कोई बॉट आकार उसे देख कर अपने जानकारी में सहेज लेगा। इसके बाद कोई भी उस समय उस पाठ्य को खोज कर जानकारी प्राप्त कर सकता है।

अनावश्यक पृष्ठों का बचाव

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कई ऐसे पृष्ठ होते हैं, जिसमें खाता बनाने, या कोई अन्य जानकारी होती है, जिसे आप खोज में नहीं दिखाना चाहते हैं। कई बार कोई तात्कालिक रूप से बने पृष्ठ भी खोज परिणाम में दिखने लगते हैं। जिससे आपके जालस्थल को कोई भी खोज प्रणाली एक स्पैम समझेगा। इससे परिणाम का स्थान नीचे हो जाएगा। इस कारण कुछ समय के लिए दिखने वाले पृष्ठों को खोज प्रणाली द्वारा परखने आदि से बचाना चाहिए।

सही अनुकूलन

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मूल रूप से सही अनुकूलन केवल उसे ही कहा जाता है, जब आप जालस्थल को केवल प्रयोक्ता के दृष्टिकोण से बनाएँ। जिसमें किसी भी प्रकार का कोई विज्ञापन या कोई बाहरी कड़ियाँ न हो। यह किसी के द्वारा पढ़ने के लिए उपयुक्त हो।

ऑन पेज SEO में वह सभी चीजें शामिल हैं जो आपकी वेबसाइट पर प्रभाव डालती हैं। यह SEO प्रणाली आपकी वेबसाइट या ब्लॉग के अंदर होती है। जब आप ब्लॉग या वेबसाइट बना रहे होते है, तब ऑन पेज SEO किया जाता है। जैसे की सभी टेक्निकल पहलु जो आपकी वेबसाइट को सर्च इंजन की रैंकिंग पर प्रभाव (Influence) डालती हैं। जिसमे शामिल है, आपकी वेबसाइट की संरचना (Structure), साईट की लोडिंग स्पीड और वेबसाइट पर पड़ी हुई सामग्री (Content) जो रैंकिंग में अहम भूमिका निभाते हैं। इस SEO प्रणाली में आपकी वेबसाइट से सम्बंधित सभी keyword और अच्छे कंटेंट पर ध्यान दिया जाता है, जिससे आपकी पोस्ट सर्च इंजन में रैंक कर सके।

SEO का अगला पहलु है ऑफ़ पेज SEO, जो SEO की दुनिया में थोडा मुश्किल कहा जाता है. ऑफ़ पेज SEO के बारे में सीधे शब्दों में कहें तो ये आपकी वेबसाइट के लिंक है जो दूसरी हाई अथॉरिटी वेबसाइट पर रिफ्रेंस की तरह पड़ी हैं. जितनी गुणवत्ता वाली वेबसाइट पर आपके लिंक होंगे उतनी ही अच्छी आपकी वेबसाइट की सर्च इंजन पर रैंकिंग होगी ऑफ पेज SEO उन सभी कार्रवाइयों को कहता है जो आपकी वेबसाइट के बाहर होती हैं और जिनका उद्देश्य वेबसाइट की प्रतिष्ठा और खोज इंजन रैंकिंग में सुधार करना होता है। इसका मतलब है कि ऑफ पेज SEO में आप अपनी वेबसाइट की प्रतिष्ठा को बढ़ाने और इसे अन्य वेबसाइटों, सोशल मीडिया और इंटरनेट पर संबंधित स्रोतों के माध्यम से प्रचारित करके आपके वेबसाइट के लिए बैकलिंक (backlink) बनाने की कोशिश करते हैं। बैकलिंक वह होते हैं जब एक अन्य वेबसाइट आपकी वेबसाइट को रेफर करती है और आपको यहां से ट्रैफ़िक प्राप्त होता है।

वहीँ जो अगला ऑफ़ पेज SEO का फैक्टर है, वो है niche(आला) या फिर कम्पटीशन जो दूसरी वेबसाइट पर पड़े कंटेंट से है. तो इसका मतलब है जितना कम कम्पटीशन वाला आपका niche(आला) होगा उतना ही अच्छा अवसर होगा अच्छी रैंक पाने का।

खोज प्रणाली अनुकूलन के लाभ

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SEO (Search Engine Optimization) किसी भी वेबसाइट को गूगल और अन्य सर्च इंजनों में टॉप पर लाने की तकनीक है। जब कोई व्यक्ति किसी जानकारी को गूगल पर सर्च करता है, तो SEO आपकी वेबसाइट को पहले पेज पर दिखाने में मदद करता है। इससे आपकी वेबसाइट पर ज्यादा लोग आते हैं और आपको बिना पैसे खर्च किए ज्यादा ट्रैफिक मिलता है। आइए जानते हैं कि SEO के क्या-क्या फायदे हैं:

1. मुफ्त और लगातार ट्रैफिक

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SEO की मदद से वेबसाइट को गूगल पर बिना किसी एड (Paid Ads) के टॉप पर लाया जा सकता है। एक बार अच्छी तरह से SEO करने के बाद, आपकी वेबसाइट को लंबे समय तक मुफ्त में ट्रैफिक मिलता रहेगा।

2. ब्रांड पर भरोसा बढ़ता है

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जब कोई वेबसाइट सर्च रिजल्ट में पहले नंबर पर आती है, तो लोग उस पर ज्यादा भरोसा करते हैं। अगर आपकी वेबसाइट बार-बार टॉप पर दिखती है, तो लोग आपको एक भरोसेमंद ब्रांड मानने लगते हैं।

3. विज्ञापन पर खर्च कम होता है

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अगर आपकी वेबसाइट ऑर्गेनिक (बिना पैसे दिए) तरीके से टॉप पर आ जाती है, तो आपको विज्ञापनों पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता। SEO की वजह से आपकी वेबसाइट खुद-ब-खुद लोगों तक पहुँचने लगती है।

4. ज्यादा ग्राहक मिलते हैं

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SEO का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह उन लोगों को आपकी वेबसाइट तक लाता है जो पहले से ही आपकी सेवाओं या प्रोडक्ट्स में रुचि रखते हैं। इससे आपके ग्राहक बढ़ सकते हैं और बिक्री भी बढ़ सकती है।

5. मोबाइल और लोकल सर्च में फायदा

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आजकल ज्यादातर लोग मोबाइल पर ही सर्च करते हैं। अगर आपकी वेबसाइट मोबाइल के लिए ऑप्टिमाइज़ (Mobile-Friendly) है और आपने लोकल SEO किया है, तो आपकी दुकान या बिज़नेस ज्यादा लोगों तक पहुँच सकता है।

6. लंबे समय तक फायदा

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SEO का असर लंबे समय तक रहता है। अगर आपकी वेबसाइट को एक बार अच्छी रैंकिंग मिल जाती है, तो वह महीनों या सालों तक टॉप पर रह सकती है। जबकि पेड विज्ञापन का असर तभी तक रहता है जब तक आप पैसे खर्च करते हैं।

7. तेज़ और अच्छा अनुभव

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SEO सिर्फ रैंकिंग के लिए नहीं, बल्कि वेबसाइट को यूज़र्स के लिए भी बेहतर बनाता है। यह आपकी वेबसाइट को तेज़ (Fast Loading) और मोबाइल-फ्रेंडली (Mobile-Friendly) बनाने में मदद करता है, जिससे लोग आपकी साइट पर ज्यादा देर तक रुकते हैं।

8. कॉम्पिटीशन में आगे रहने का मौका

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आज हर बिज़नेस ऑनलाइन आ रहा है, और अगर आप SEO नहीं करते हैं, तो आपके प्रतियोगी (Competitors) आगे निकल सकते हैं। SEO की मदद से आप अपनी वेबसाइट को बेहतर बनाकर दूसरों से आगे निकल सकते हैं।

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जुलाई 2017.

Exploring SEO in Digital Marketing in Hindi

SEO क्या है? Archived 2024-05-26 at the वेबैक मशीन Finyama