ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती‌ उर्दू, अरबी~फारसी विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय का नाम अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम पर रखा गया है, जो अपनी दयालुता और उदारता के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन का जन्म 1141 ई. में अफगानिस्तान के हेरात में चिश्ती में हुआ था। उन्हें 'गरीब नवाज' और 'गरीबों के हितैषी' के नाम से भी जाना जाता है, वे भारतीय उपमहाद्वीप में सूफीवाद के चिश्ती संप्रदाय के सबसे प्रसिद्ध संत हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय की स्थापना 1 अक्टूबर 2009 को उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम के तहत की गई थी।

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय
ध्येयअपनी संस्कृति के सार को समझने के लिए सभी भाषाओं के अध्ययन को बढ़ावा देना। व्यावसायिक और तकनीकी विषयों में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना ताकि छात्र रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।
उपकुलपतिप्रो. एनबी सिंह
स्थानसीतापुर, हरदोई बायपास रोड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226013
जालस्थलhttps://kmclu.ac.in/


[1][2]

  1. "List of State Universities as on 18.09.2017" (PDF). University Grants Commission. 18 September 2017. मूल (PDF) से 28 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 September 2017.
  2. "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 13 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवंबर 2018.

बाहरी लिंक

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