गंगाजल उद्वह परियोजना के तहत बिहार के नालंदा के अलावा गया, बोधगया और नवादा को गंगाजल की आपूर्ति की जानी है।[1] इन सभी जगहों पर गंगाजल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है। इस योजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण के तहत इस योजना पर पहले 2,836 करोड़ (US$414.06 मिलियन) खर्च किये जाने थे, लेकिन कोरोना की वजह से विलंब होने से लागत बढ़कर 4,174 करोड़ (US$609.4 मिलियन) कर दिया गया है।[2] गंगा उद्वह योजना बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना है।[3] बिहार सरकार ने दिसंबर 2019 में जल संसाधन विभाग (WRD) की प्रतिष्ठित गंगा जल लिफ्ट योजना (GWLS) के पहले चरण को मंजूरी दी।[4]

Ganga Water Lift Project
गंगा उद्वह योजना is located in भारत
गंगा उद्वह योजना
भारत में Ganga Water Lift Project की स्थिति
गंगा उद्वह योजना is located in बिहार
गंगा उद्वह योजना
गंगा उद्वह योजना (बिहार)
निर्देशांक25°21′57″N 85°59′14″E / 25.36583°N 85.98722°E / 25.36583; 85.98722

परियोजना संपादित करें

गंगाजल उद्वह परियोजना के तहत करीब 151 किमी लंबाई में पाइप बिछा कर मोकामा के मरांची स्थित गंगा का पानी निकाल कर गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहर के घरों में आपूर्ति की जायेगी।[5] दिसंबर 2019 में राज्य कैबिनेट ने गंगा जल उद्वह योजना के पहले फेज के लिए 2836 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। इस योजना का पहला चरण जून 2021 तक पूरा किये जाने का लक्ष्य था, लेकिन कोरोना संकट और तकनीकी वजहों से इसमेें विलंब हुआ। मोकामा के मरांची स्थित गंगा नदी का पानी पाइपलाइन के जरिये गया के मानपुर प्रखंड के अबगीला स्थित खदान में लाया जायेगा। इस परियोजना के शुरू होते ही राजगीर में सबमर्सिबल तथा डीप बोरिंग दंडनीय अपराध की श्रेणी में आ जाएगा। नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड स्थित मोतनाजे गांव में निर्माणाधीन गंगाजल उद्वह परियोजना का शनिवार को ट्रायल कराया गया।[6] पाइपलाइन के जरिए पटना जिले के हाथीदह से गंगा का पानी मोतनाजे पहुंचा।

यह परियोजना तीन चरण में पूरी होगी। पहले चरण में पेयजल परियोजना पर काम हो रहा है। घोड़ाकटोरा के निर्माणाधीन डैम में ड्रिंकिंग वाटर के लिए 9.81 एमसीएम पानी के स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है। यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। घोड़ाकटोरा में टाउन वाइज वाटर स्टोरेज टैंक बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद डब्ल्यूटीपी से प्यूरीफाई करने के बाद वाटर सप्लाई होगी।

हैदराबाद स्थित इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (एमईआईएल) ने 2022 में गंगा जल लिफ्ट परियोजना के चरण 1 को पूरा किया।[7][8]

यह सभी देखें संपादित करें

  • कालेश्वरम लिफ्ट सिंचाई परियोजना
  • कोलोराडो नदी एक्वाडक्ट

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "ट्रायल सफल: मोकामा से नालंदा होते हुए नवादा पहुंची गंगा, अब बिहार के इन जिलों के लोग पी सकेंगे शुद्ध जल".
  2. "Ganga water lifting project cost revised".
  3. "राजगीर, गया और नवादा की 11 लाख आबादी का प्‍यास बुझाएगी गंगा, जानें गंगा उद्वह योजना की हर बड़ी बात".
  4. "Bihar cabinet approves a Rs 2,836 crore project to supply Ganga water to Gaya, Bodh Gaya and Rajgir".
  5. "गंगा उद्वह परियोजना: जानें हाथीदह से किस टेक्नोलॉजी से राजगीर, नवादा-गया पहुंच रहा गंगाजल".
  6. "हाथीदह से मोतनाजे पहुंचा गंगा का पानी, सफल रहा ट्रायल".
  7. "Phase 1 of 4,000-cr Ganga water lift project over: MEIL".
  8. "MEIL completes Phase-1 of Rs 4,000 crore Ganga floodwater harvesting project in Bihar".