आयन

आयन विद्युत आवेश का एक कण है ; जिसका आवेश (धनात्मक या ऋणात्मक) इलेक्ट्रॉन की संख्यों पर निर्भर हैं।
(गच्छाम से अनुप्रेषित)

आयन (ion, प्राचीन यूनानी: ἰόν ión "एति") ऐसे परमाणु या अणु है जिसमें इलेक्ट्रानों और प्रोटोनों की संख्या समान होती है। इससे आयन में विद्युत आवेश (चार्ज) होता है। अगर इलेक्ट्रॉन की तादात प्रोटोन से अधिक हो तो आयन में ऋणात्मक (नेगेटिव) आवेश होता है और उसे ऋणायन (anion, ऐनायन) भी कहते हैं। इसके विपरीत अगर इलेक्ट्रॉन की तादाद प्रोटोन से कम हो तो आयन में धनात्मक (पोज़िटिव) आवेश होता है और उसे धनायन (cation, कैटायन) भी कहते हैं

ऋणायन और धनायन

संपादित करें

एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटोन में बराबर का विद्युत आवेश (चार्ज) होता है। इसलिये किसी आयन का अवेश उसमें मौजूद प्रोटोनों की संख्या को उसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनों से घटाकर बताया जाता है। अगर प्रोटोनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश धनात्मक (पोज़िटिव) होता है और अगर इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश ऋणात्मक (नेगेटिव) होता है।

  • ऋणायन (−): इनमें इलेक्ट्रॉन अधिक और प्रोटोन कम होते हैं। अंग्रेज़ी में इन्हें एनायन (anion) कहते हैं क्योंकि ऋणात्मक आवेश वाले यह आयन अगर किसी विद्युत् क्षेत्र में डाले जाएँ तो ऋणात्मक (निगेटिव) आवेश वाले एनोड की ओर आकर्षित होते हैं।
  • 'धनायन (+): इनमें प्रोटोन अधिक और इलेक्ट्रॉन कम होते हैं। अंग्रेज़ी में इन्हें कैटायन (cation) कहते हैं क्योंकि धनात्मक आवेश वाले यह आयन अगर किसी विद्युत क्षेत्र में डाले जाएँ तो धनात्मक (पोज़िटिव) आवेश वाले कैथोड की ओर आकर्षित होते हैं।

इन्हें भी देखें

संपादित करें