गढ़पहरा

इसकी प्राचीनता गोंड राजा संग्राम सिंह के समय से मानी जाती है बाद में दांगी ठाकुर शासकों ने इसे जी

गढ़पहरा को पुराना सागर भी कहते हैं जो दांगी राज्‍य की राजधानी था। यह झांसी मार्ग पर सागर से करीब 10 किमी की दूरी पर स्थित है। । जिसमें 360 मौजे थी।

सागर के पास गढ़पहरा स्थित शीशमहल के पुरावशेष

गढ़पहरा के अब भी कुछ ऐतिहासिक अवशेष बाकी हैं। कम ऊंचाई के क्षेत्र पर निर्मित किले के खंडहरों तक आज भी आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां दांगी ठाकुर शासकों के शीश महल के नाम से ज्ञात ग्रीष्म आवास के अवशेष भी हैं। इसका संबंध राजा जयसिंह से जोड़ा जाता है। मान्यता है कि दो सौ साल पहले राजा जय सिंह इसमें रहते थे। इस किले के पास हनुमान जी का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है।