गतिपालक चक्र या फ्लाईव्हील (flywheel) एक घूर्णन करने वाला वाला चक्र (पहिया) है जिसका उपयोग अनेक यन्त्रों में किया जाता है। घूमते हुए इस चक्र में घूर्णन की गतिज ऊर्जा संग्रहित होती है जिसके कारण यन्त्र पर लगने वाले लोड के अचानक परिवर्तन से भी इसकी गति पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। डिजाइन के समय गतिपालक चक्र का जड़त्वाघूर्ण भी अधिक रखा जाता है ताकि उसके घूर्णन की गतिज ऊर्जा एवं कोणीय संवेग अधिक रहे क्योंकि इनके अधिक रहने से यह चक्र अपने कोणीय वेग में परिवर्तन का विरोध आसानी से कर पाता है। गतिपालक चक्र में संग्रहित गतिज ऊर्जा उसके जड़त्वाघूर्ण एवं कोणीय वेग के वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।

गतिपालक चक्र

गतिपालक चक्र में ऊर्जा संग्रहित करने के लिये इस पर किसी बाहरी स्रोत के द्वारा बलाघूर्ण लगाकर इसका कोणीय वेग बढ़ाकर किया जाता है। इसके विपरीत यदि घूमते हुए किसी चक्र पर इसकी गति के विपरीत दिशा में बलाघूर्ण लगाया जाय तो यह अपनी ऊर्जा उस यान्त्रिक लोड को दे देता है जो इस पर उल्टी दिशा में बलाघूर्ण लगा रहा हो।

यद्यपि इंजनों के शाफ्ट (लाल रंग) को पिस्टनों से मिलने वाली ऊर्जा लगातार नहीं आती बल्कि रूक-रूक कर आती है फिर भी क्रैंक शाफ्ट पर लगे गतिपालक चक्र के कारण शाफ्ट की गति को लगभग एकसमान बनी रहती है।
ह्वाइट और मिडिल्टन इंजन (१८९०) में लगे दो गतिपालक चक्र

इन्हें भी देखें

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