गरुड़ एक प्रकार का पक्षी है जो चील और बाज से बड़ा होता है, किंतु ये गिद्ध से आकार में थोड़ा छोटा है, किंतु इसकी चोंच गिद्ध से बड़ी व कठोर होती है। यह पक्षी दिखने में बाज या चील की तरह ही दिखता है। बाज को संस्कृत भाषा में श्येन कहते है और गरुड़ को महाश्येन ।। गरुड़ को अंग्रेजी भाषा में Eagle और उर्दू में उकाब कहते हैं।। गरुड़ पक्षी का प्रिय भोजन नाग है।यदि ग्रन्थ , पुराण और शास्त्रों की माने तो जब कोई व्यक्ति मरणासन्न अवस्था में हो और वे गरुड़ पक्षी के दर्शन कर ले तो उसके लिए वह बहुत सौभाग्य की बात होती है और उसे बैकुंठ में स्थान मिलता है और यह पक्षी जाति मुख्यतः भगवान विष्णु के वाहन वैनतेय गरुड़ और सूर्य के सारथी वैनतेय अरुण के वशंज हैं जो सूर्य नारायण का सारथी भी है। गरुड़ पक्षियों की अधिक प्रजातियां विदेशों के साथ साथ भारत में हिमालय उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार , झारखंड , छत्तीसगढ़ में है। किन्तु मनुष्य के लालच के कारण गरुड़ पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। पक्षियों का राजा गरुड़ पक्षी को ही माना जाता है । गरूड़ पक्षी की 60 से भी अधिक प्रजातियां है । यथा -बाल्ड ईगल, गोल्डन ईगल, हार्पी ईगल, फिलीपीन ईगल आदि।।

गरुड़ पक्षी पेड़ो पर बैठे हुए

आजकल लोग गरुड़ , चील , बाज , गिद्ध को एक ही समझ लेते हैं।लेकिन इनमें मुख्य अंतर ये होता है।

Vuture = गिद्ध = ये मुर्दाखोर पक्षी साइज में सबसे बड़े और आसमान में सबसे अधिक ऊँचाई पर उड़ते है । इनकी सूंघने की क्षमता सबसे अधिक होती है । ये एक दिन में सैकड़ों किमी की यात्रा सम्पन्न करते हैं।

Eagle = गरुड़ / महाश्येन / उकाब :- ईगल्स गिद्ध से साइज मे थोड़े से छोटे होते हैं लेकिन चील और बाज आदि अन्य शिकारी पक्षियों से काफी बड़े होते हैं। ये अपने से तिगुनी वजनी जानवरों को पंजों में दबाकर असमान में उड़ जाते हैं । ये उड़ने में गिद्ध के बराबर की ऊँचाई पर उड़ते हैं । स्पीड में पैराग्रिन फाल्कन बाज के बाद 320 किमी प्रति घंटा की स्पीड से उड़ने वाला गोल्डन ईगल है । ये अपनी ऊँचाई भरी उड़ान एवं स्पीड से हवाई जहाज को भी प्रभावित कर चुके हैं ।

Kite = चील = उड़ने में सबसे ज्यादा दक्ष बगैर पंख हिलाए कई घंटों तक ऊँचाई पर उड़ते रहते हैं । ये बाज से बड़े लेकिन गिद्ध और उकाब से छोटे होते हैं।

Hawk / Falcon = बाज = साइज में सबसे छोटे और स्पीड में सबसे तेज । बाज को सबसे बुद्धिमान पक्षियों की भी श्रेणी में रखा जाता है।