गर्भाशय की मांसलता में स्थिरता या मजबूती की हानि होना गर्भाशय अतानता कहलाता है। आम तौर पर, प्रसव के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों का संकुचन रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है और रक्तप्रवाह को कम करता है। इससे रक्त के जमाव की संभावना बढ़ जाती है और रक्तस्राव को रोका जाता है। मगर गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन की कमी से तीव्र रक्तस्राव हो सकता है, क्योंकि गर्भाशय की रक्त वाहिकाएं पर्याप्त रूप से संकुचित नहीं हुई होती हैं।[1] चिकित्सकीय रूप से, 75-80% प्रसवोत्तर रक्तस्राव का कारण गर्भाशय अतानता होता है।

कई कारक गर्भाशय की मांसपेशी की कमजोरी के लिये उत्तरदायी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • गर्भाशय का ज्यादा फैलना
  • कई गर्भावधि
  • बच्चे का सामान्य से ज्यादा बड़ा होना
  • लंबे समय तक प्रसव
  • 5 बार या उससे ज्यादा बच्चे करना
  • ज्यादा जल्दी प्रसव होना (3 घंटे से कम समय तक चलने वाला प्रसव)
  • प्रीक्लेम्पसिया का मैग्निसियम सल्फेट से उपचार
  • मूत्राशय का भरा होना
  • गर्भनाल का अधूरा पृथक्करण
  1. ठाकुर, शिल्पा (7 नवम्बर 2019). "महिलाओं को कभी अनदेखी नहीं करनी चाहिए ये 5 बातें". वन इंडिया. मूल से 5 दिसंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 दिसम्बर 2019.