गांधारी

महाभारत में कौरवों की माता
(गान्धारी से अनुप्रेषित)


गांधारी महाभारत की एक पात्र हैं। वो महाराज धृतराष्ट्र की पत्नी थी और प्रमुख खलनायक दुर्योधन की माँ थीं। गांधारी देख सकती थीं लेकिन पति के आँखों से विकलांग होने के कारण उन्होंने खुद की आँखों पर भी हमेशा के लिए एक पट्टी बाँध ली थी। महाभारत के अनुसार वो सौ पुत्रों की माता थीं।[1]

गांधारी
गांधारी को वरदान देते हुए ऋषि वेदव्यास।
गांधारी को वरदान देते हुए ऋषि वेदव्यास
हिंदू पौराणिक कथाओं के पात्र
नाम:गांधारी
संदर्भ ग्रंथ:महाभारत
जन्म स्थल:गांधार (आधुनिक अफग़ानिस्तान)
माता-पिता:सुबाला (पिता)
भाई-बहन:शकुनि (भाई)
जीवनसाथी:धृतराष्ट्र
संतान:दुर्योधन दुशासन विकर्ण समेत 97 पुत्र और दुशला (पुत्री)

गंधार की राजकुमारी होने की वजह से इनका नाम गांधारी पड़ गया था। धृतराष्ट्र के जन्मांध होने के कारण ही विवाहोपरांत गांधारी ने आजीवन अपनी आँखों पर पट्टी बांधे रखने की प्रतिज्ञा की थी। अपने पति  का दुख समझने के लिए और उसके दुख मे शामिल होने के लिए गांधारी ने भी अपने आप को अंधा बना दिया।  लेकिन गांधारी ने अपने पुरे जीवन में इस प्रतिज्ञा को दो बार Archived 2020-10-09 at the वेबैक मशीन तोडा था।

  1. "महाभारत के वो 10 पात्र जिन्हें जानते हैं बहुत कम लोग!". दैनिक भास्कर. २७ दिसम्बर २०१३. मूल से २८ दिसम्बर २०१३ को पुरालेखित.